मदरसा शिक्षकों को छह वर्ष बाद वेतन मिला भी तो सिर्फ 794 रुपये


प्रयागराज ।

मदरसों के आधुनिकीकरण योजना के तहत नियुक्त शिक्षकों को वर्षों बाद वेतन तो मिला लेकिन महज 794 रुपये। खास यह कि पांच महीने का वेतन जारी किया गया है। तय वेतन के मुताबिक यह रकम 30 हजार रुपये होनी चाहिए थी। इतनी कम राशि मिलने से शिक्षकों में नाराजगी है।

मदरसों के आधुनिकीकरण योजना के तहत स्नातक के शिक्षकों को आठ हजार रुपये वेतन निर्धारित किया गया है। इसमें से छह हजार रुपये केंद्र सरकार देती है। वहीं दो हजार रुपये प्रदेश सरकार की ओर से दिए जाते हैं। प्रदेश सरकार की ओर से तो वेतन नियमित तौर पर जारी किया जा रहा है लेकिन केंद्र का हिस्सा 2016 से नहीं मिला है।

काफी दबाव के बाद पिछले दिनों पांच महीने का वेतन जारी किया गया लेकिन सिर्फ 794 मऊआइमा स्थित मदरसा के प्रधानाचार्य शफिकुर्रहमान का कहना है कि यह राशि किस आधार पर जारी की गई है समझ से परे है। अफसर भी इस बाबत कोई जवाब नहीं दे रहे।

वहीं जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्ण मुरारी का कहना कि पैसा केंद्र सरकार की ओर से जारी किया जाता है। इसलिए वह इस बारे में कुछ नहीं बता पाएंगे।


परास्नातक के शिक्षकों को भी सिर्फ 57 हजार मिले मदरसों में नियुक्त परास्नातक के शिक्षकों को प्रति माह 15 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसमें से 12 हजार रुपये केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं रुपये। लेकिन 2016 से इन्हें भी वेतन नहीं मिला था। अब पांच महीने का वेतन 57 हजार रुपये जारी किया गया है। 19 मदरसों के शिक्षकों के हाथ अब भी खाली 19 मदरसों के : शिक्षकों को इस बार भी कोई पैसा नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि ये मदरसे पोर्टल से ही लिंक नहीं हैं।