3 राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान

नगालैंड विधानसभा का कार्यकाल 12 मार्च, मेघालय विधानसभा का 15 मार्च और त्रिपुरा विधानसभा का कार्यकाल 22 मार्च को समाप्त हो रहा है. ऐसे में तीनों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. 2018 में तीनों राज्यों में 2 चरणों में चुनाव हुआ था. पहले चरण में 18 फरवरी को त्रिपुरा में, तो दूसरे चरण में 27 फरवरी को मेघालय और नगालैंड में वोटिंग हुई थी. 3 मार्च 2018 को नतीजे आए थे.


चुनाव आयोग ने त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में विधानसभा चुनाव के लिए आज तारीखों का ऐलान कर दिया. तीनों राज्यों में पिछली बार की तरह दो चरणों में चुनाव होंगे. त्रिपुरा में 16 फरवरी को मतदान होगा. तो वहीं, नगालैंड और मेघालय में एक साथ 27 फरवरी को वोटिंग होगी. तीनों राज्यों में 2 मार्च को नतीजे आएंगे. त्रिपुरा में जहां बीजेपी की सरकार है, तो वहीं मेघालय और नगालैंड में बीजेपी सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा है. तीनों राज्यों में पिछले साल फरवरी में ही वोटिंग हुई थी. तीनों राज्यों में 60 विधानसभा सीटें हैं. ऐसे में सरकार बनाने के लिए बहुमत के लिए 31 का आंकड़ा चाहिए. 



चुनाव आयोग ने आज यानी 18 जनवरी को 3 राज्यों के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. त्रिपुरा में 16 फरवरी को विधानसभा चुनाव होंगे, जबकि मेघालय और नगालैंड में 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी. वहीं तीनों राज्यों के नतीजे 2 मार्च को आएंगे. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों के चुनाव से जुड़ी महत्वपूर्ण तारीखों की घोषणा की. चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही तीनों राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है.


नगालैंड विधानसभा का कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त हो रहा है, वहीं मेघालय और त्रिपुरा की विधानसभाओं का कार्यकाल 15 और 22 मार्च को समाप्त हो रहा है. तीनों राज्यों की विधानसभाओं में 60-60 सीटें हैं. तीनों राज्यों में एक-एक चरण में विधानसभा चुनाव होंगे.

त्रिपुरा में जहां बीजेपी की सरकार है, वहीं नगालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी सत्ता में है. मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की सरकार है. एनपीपी पूर्वोत्तर की एकमात्र पार्टी है जिसे राष्ट्रीय दल के तौर पर मान्यता हासिल है.


तीनों राज्यों में 2.23 लाख नए वोटर
आयोग ने हाल ही में तीनों राज्यों का दौरा किया था. आयोग ने कहा कि पिछले चुनावों में कोई हिंसा नहीं हुई. आयोग इसके लिए प्रतिबद्ध है. लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है. हमने तीनों राज्यों के अधिकारियों से यह कहा है. पहली बार 3 राज्यों में चुनाव में 1.76 लाख से अधिक मतदाता होंगे. हमने उन लोगों के लिए एडवांस नोटिस का प्रावधान बनाया है जो 17 के हो गए हैं लेकिन 18 साल के नहीं हुए हैं ताकि 18 साल का होते ही उन्हें वोटर कार्ड मिल जाए और उनका नाम जुड़ जाए. इन तीनों राज्यों में ऐसे 10 हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है.

आयोग ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी तीनों राज्यों के चुनाव में ज्यादा रही है. यह तीनों राज्य इस मामले में मिसाल हैं. 376 ऐसे पोलिंग स्टेशन हैं, जिनकी जिम्मेदारी महिलाएं निभाएंगी. सभी बूथ पीडब्ल्यूडी फ्रैंडली होंगे. पैरामिलेट्री तीनों राज्यों में पहुंच गई है. आयोग धन बल और ड्रग्स के सख्त खिलाफ है.

नागालैंड, मेघालय और त्रिपुरा में संयुक्त रूप से 62.8 लाख से अधिक मतदाता हैं, जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या 31.47 लाख और विकलांग मतदाताओं की संख्या 31,700 शामिल हैं.

इस साल 9 विधानसभा चुनाव
इस साल इन 3 राज्यों के साथ-साथ कुल 9 राज्यों में विधानसभाओं के चुनाव होने हैं. इनमें कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम शामिल हैं. इस साल होने वाले 9 राज्यों में के विधानसभा चुनावों को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है.