यूपी बोर्ड रिजल्ट : 100 साल में पहली बार इतनी जल्दी परिणाम


प्रयागराज, । यूपी बोर्ड अपने 100 साल के इतिहास में पहली बार इतनी जल्दी परिणाम घोषित करने जा रहा है। माध्यमिक शिक्षा परिषद का गठन 1921 में हुआ था और पहली परीक्षा 1923 में कराई गई। जानकारों की मानें तो इससे पहले बोर्ड ने कभी इतनी जल्दी परिणाम जारी नहीं किया था। इससे पहले 2019 में बोर्ड ने 27 अप्रैल को 10वीं-12वीं का परिणाम जारी किया था। समय से परिणाम घोषित होने से छात्र-छात्राओं को आगे की पढ़ाई समय से शुरू करने में मदद मिलेगी।

2023 की बोर्ड परीक्षा में तीस सालों में पहली बार हुआ कि परीक्षा केंद्रों से पेपरलीक, रांग ओपनिंग या सामूहिक नकल की एक भी शिकायत नहीं मिली। प्रदेशभर के 258 केंद्रों पर हाईस्कूल की लगभग 1.86 करोड़ तथा इंटरमीडिएट की 1.33 करोड़, कुल 3.19 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 18 से 31 मार्च के बीच पूरा हुआ।

प्रदेश के 8753 केंद्रों पर बोर्ड परीक्षा 16 फरवरी से चार मार्च तक कराई गई थी। इस बार बोर्ड ने परीक्षा में खासी सख्ती की थी जिसका असर यह रहा कि हाईस्कूल (31,16,487) और इंटरमीडिएट (27,69,258) में पंजीकृत कुल 58,85,745 परीक्षार्थियों में से 4,31,571 ने परीक्षा छोड़ दी। जबकि 2022 की बोर्ड परीक्षा में 4,34,404 परीक्षार्थी गैरहाजिर थे। 2022 की तुलना में 2023 में हाईस्कूल में 3,34,842 और इंटरमीडिएट में 3,58,287 कुल 6,93,129 विद्यार्थियों की वृद्धि हुई थी।

● कम अंक प्राप्त होने या अनुत्तीर्ण होने पर निराश बिल्कुल न हों, बल्कि अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए अधिक परिश्रम करने को तैयार रहें।

● परीक्षा में असफल हुए विद्यार्थी पिछले वर्ष की कमियों को ध्यान में रखते हुए उसे सुधारने का प्रयास करें एवं योजनाबद्ध रणनीति बनाकर सकारात्मक सोच के साथ पूर्ण मनोयोग से पढ़ाई में जुट जाएं।

● बच्चे अपनी समस्याओं को माता-पिता व शिक्षकों के साथ साझा करें।

● माता-पिता बच्चों के कम अंक आने पर नाराजगी न प्रदर्शित करें, बल्कि सहानुभूतिपूर्ण और संतोषजनक व्यवहार प्रदर्शित करें।

● बच्चों के कम अंक आने या अनुत्तीर्ण होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जिसे समझने की जरूरत है। उनकी समस्याओं को सुनें एवं उन्हें दूर करने में सहयोग प्रदान करें।

● बच्चों को समझाएं कि यह अंतिम परिणाम नहीं है। सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक परिश्रम की आवश्यकता है।

सीबीएसई से बाद में शुरू हुई परीक्षा, पहले परिणाम

किस वर्ष कब आया परिणाम

2022 18 जून

2021 31 जुलाई

2020 27 जून

2019 27 अप्रैल

2018 29 अप्रैल

2017 09 जून

2016 15 मई

2015 17 मई

2014 30 मई

2013 08 जून

2012 08 जून

2011 10 जून

स्क्रूटनी के लिए परीक्षकों का पैनल बना रहा बोर्ड

प्रयागराज। यूपी बोर्ड के प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, बरेली और गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालयों ने स्क्रूटनी के लिए विषय विशेषज्ञों का पैनल बनाना शुरू कर दिया है। परिणाम से असंतुष्ट छात्र-छात्राओं से स्क्रूटनी के लिए आवेदन मांगे जाते हैं। इनकी उत्तरपुस्तिकाओं की जांच विशेषज्ञों से ही कराई जाती है। यूपी बोर्ड के वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय के उप सचिव ने 21 अप्रैल को जिला विद्यालय निरीक्षक वाराणसी को हाईस्कूल के लिए हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित, गृह विज्ञान, उर्दू, कम्प्यूटर व चित्रकला के विशेषज्ञों की सूची भेजी है।

खास बात यह कि यूपी बोर्ड की परीक्षा सीबीएसई से एक दिन बाद 16 फरवरी से शुरू हुई थी। सीबीएसई की तुलना में कई गुना छात्रसंख्या होने के बावजूद यूपी बोर्ड ने न सिर्फ समय से पहले मूल्यांकन पूरा कराया बल्कि अन्य सभी बोर्ड से पहले परिणाम घोषित करने जा रहा है।

सकारात्मक रखें सोच

मनोविज्ञानशाला की निदेश ऊषा चंद्रा की सलाह है कि परिणाम कुछ भी हो दोनों ही परिस्थिति में माता-पिता व विद्यार्थी सकारात्मक सोच रखें। माता-पिता व बच्चे अपना धैर्य न खोएं। परीक्षा परिणाम को अंतिम न मानकर निरंतर प्रयास करते रहें, क्योंकि वास्तव में असफलता ही सफलता की कुंजी है।

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