कम नामांकन पर बीएसए से स्पष्टीकरण तलब, कई जिलों में वेतन रोकने की कार्रवाई


लखनऊ। प्रदेश के 19 जिलों के 191 विद्यालयों में कक्षा एक में छात्रों का नामांकन काफी कम संख्या में रहा है। इन जिलों में कक्षा एक में मात्र तीन या चार विद्यार्थियों के ही नामांकन हुए हैं। यह स्थिति तब है कि अप्रैल में नया सत्र शुरू होने के साथ ही स्कूल चलो अभियान चल रहा है। इससे नाराज विभाग ने इन जिलों के बीएसए से स्पष्टीकरण मांगा है।

हाल ही में विभाग की ओर से स्कूल रेडीनेस के तहत किए गए सर्वे में यह खुलासा हुआ है। यह हालत तब है जब विभाग छात्रों को निःशुल्क किताब, डीबीटी के माध्यम से यूनिफार्म के लिए पैसे व मध्याहन भोजन की सुविधा भी दे रहा है। औरैया, बागपत, बाराबंकी, भदोही, बिजनौर, गाजियाबाद, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, जालौन, कानपुर देहात, कुशीनगर, ललितपुर, महोबा, मेरठ, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, सीतापुर व सुल्तानपुर में ऐसे कई स्कूल हैं।


कई जिलों में ऐसे स्कूलों की संख्या 10 से ज्यादा है। बाराबंकी में 52, मेरठ में 27, ललितपुर में 22, गाजियाबाद में 12, जालौन व श्रावस्ती में ऐसे 10 10 स्कूल सामने आए हैं। राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने इन जिलों के बीएसए से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि उनके स्तर से नामांकन बढ़ाने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं.


कई जिलों में वेतन रोकने की कार्रवाई

नए विद्यार्थियों के नामांकन, परिवार सर्वे में कमी, यू-डायस पोर्टल पर इंट्री आदि में कमी मिलने पर कई जिलों में शिक्षकों का वेतन रोकने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अमेठी और लखनऊ में कम नामांकन पर शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है। इससे शिक्षकों में काफी नाराजगी है।

शिक्षकों के सामने बच्चों के आधार पंजीकरण की जटिल प्रक्रिया, अभिभावकों के बैंक खाते आदि की समस्या आ रही है। शिक्षकों के पास एक साथ इतने काम हैं कि किसी में तो कमी रह ही जाएगी। शिक्षकों की वरिष्ठता सूची चार महीने में तय नहीं होने पर किसी अधिकारी का वेतन नहीं रोका गया। यह एकतरफा कार्रवाई सिर्फ शिक्षकों के खिलाफ ही क्यों?

-विनय कुमार सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन ।