इस योजना के तहत विद्यार्थियों की आईडी शासन के केंद्रीयकृत सर्वर से जोड़ी जाएगी। इससे सरकार के पास भी युवाओं का सही और समग्र प्रमाणित डाटा उपलब्ध होगा, वहीं विद्यार्थियों के लिए भी आसानी होगी कि उनकी पूरी शैक्षिक जानकारी एक ही जगह पर उपलब्ध होगी। इसमें उनके प्रवेश परीक्षा, परिणाम, छात्रवृत्ति, रोजगार की सभी जानकारियां होंगी।
यह एक तरह से डिजिटल सीवी की तरह होगा। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि शासन के निर्देशन में डीबीटी के माध्यम से पारदर्शी भुगतान की व्यवस्था की जा रही है। इस क्रम में विद्यार्थियों की यूनिवर्सल आईडी बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इससे विभिन्न चीजों में दोहराव को रोका जा सकेगा.
अभी डिजी लॉकर की है सुविधा
हाईस्कूल से लेकर उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए अभी डिजीलॉकर की सुविधा दी जा रही है। इसमें इंटर स्तर पर बोर्ड की ओर से व यूजी पीजी में संबंधित विश्वविद्यालय की ओर से डिग्री व मार्क्सशीट अपलोड रहती है। विद्यार्थी अपना अकाउंट बनाकर इसका प्रयोग तो कर सकते हैं लेकिन इसमें वह अपना कोई पिछला डाक्यूमेंट अपलोड नहीं कर सकते हैं। ऐसे में यूनिक आईडी युवाओं के लिए और बेहतर सुविधा होगी।