पदोन्नति छोड़ने वाली शिक्षिका को दे दिया चयन वेतनमान का लाभ


झाँसी : बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के चयन वेतनमान स्वीकृति में चल रहा 'खेल' सामने आ गया है। सचिव बेसिक शिक्षा के आदेश को दरकिनार कर शिक्षिका को नियम विरुद्ध चयन वेतनमान स्वीकृत कर दिया गया।

बेसिक शिक्षकों को पदोन्नति न मिलने पर एक ही पद पर लगातार 10 वर्ष की सन्तोषजनक सेवाओं के बाद चयन वेतनमान देने का प्राविधान है। यदि पदोन्नति लेने से इन्कार कर दिया जाता है, तो फिर चयन वेतनमान का लाभ नहीं दिया जाता है।


बेसिक शिक्षा परिषद की सचिव रूबी सिंह के 10 मई 2019 के आदेश में साफ कहा गया कि वास्तविक पदोन्नति से इन्कार करने वाले कर्मचारियों के मामले में सेवा में वृद्धिरोध नहीं माना जा सकता है।



ऐसे कर्मचारी समयमान वेतनमान व्यवस्था के अन्तर्गत अनुमन्य लाभों के पात्र नहीं रह जाते । इसको लेकर 21 अगस्त 2023 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी इसको लेकर स्पष्ट आदेश जारी किया है।


पर, 21 अगस्त को जारी चयन वेतनमान स्वीकृत आदेश में बबीना ब्लॉक के कम्पोजिट विद्यालय नयी पाली की सहायक अध्यापक संगीता पाण्डेय की वर्तमान पद पर नियुक्ति की तिथि 12 जुलाई 2013 दर्शा कर चयन वेतनमान स्वीकृत कर दिया गया। विभागीय जानकारों के अनुसार शिक्षिका को मई 2013 में तत्कालीन बीएसए द्वारा जारी पदोन्नति सूची के क्रमांक 174 पर संगीता पाण्डेय को प्राथमिक विद्यालय नई पाली से पूर्व माध्यमिक विद्यालय बुढ़पुरा ब्लॉक बबीना में ही सहायक अध्यापक के पद पदोन्नति दी गयी थी। यह पदोन्नति शिक्षिका ने नहीं ली।


तब से ही वह इसी पद पर कार्य कर रही हैं। शिक्षक नेताओं ने इस आदेश को निरस्त कर पूरे मामले की जाँच कराकर दोषी के खिलाफ कार्यवाही की माँग की है।