होम लोन समय पूर्व चुकाने में लाभ घर, कर्ज व आरबीआई के निर्देशों पर नजर


नई दिल्ली। भारत में ज्यादातर मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए अपने घर का सपना सबसे महत्वपूर्ण होता है। कुछ लोगों ने घर कर्ज लेकर इस सपने को पूरा किया है लेकिन बढ़ती ब्याज दरों के कारण मासिक किस्तों में वृद्धि का संकट उनके हौसले पस्त करने लगा है। विशेषज्ञों का कहना है कि घर कर्ज एक लंबी अवधि की देनदारी है। ऐसे में घर का कर्ज लेने वालों को यह प्रयास करना चाहिए कि मासिक किस्त में बढ़ोतरी कर समय से पहले इसे चुका दें।

ब्याज दर बढ़ने का संकट पिछले साल मई के बाद से घर कर्ज की ब्याज दर ढाई फीसदी से ज्यादा बढ़ चुकी है। कुछ बैंकों में यह बढ़ोतरी इससे भी ज्यादा है। इस वजह से ज्यादातर कर्ज लेने वाले खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं। इसे लेकर एंड्रोमेडा के को-सीईओ राउल कपूर कहते हैं कि समस्या की शुरुआत कर्ज लेने के समय ही हो जाती है।

लोग अपनी पूरी स्वीकृत सीमा तक कर्ज उठा लेते हैं। किस्त चूकने पर बैंक कर्ज की अवधि बढ़ा देते हैं और इसका असर लंबी अवधि के कर्ज के मामले में काफी ज्यादा होता है।

विकल्पों को ध्यान से चुनें इसी महीने आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ग्राहक को बढ़ती ब्याज दरों के संकट से लड़ने के लिए ईएमआई को फिर से व्यवस्थित करने का विकल्प दें। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर संभव हो तो अपने कर्ज को समय से पहले चुका कर दें। अगर यह संभव न हो तो उसका कुछ हिस्सा समय से पहले चुका दें। यह भी मुमकिन न हो तो आवास ऋण के लिए बैंकों द्वारा दी जाने वाली फिक्स्ड, फ्लेक्सी और फ्लोटिंग ब्याज दरों को सोच समझकर ही चुनें।




एसबीआई में क्रेडिट स्कोर के आधार पर घर कर्ज की ब्याज दर
सिबिल स्कोर प्रभावी दर

( प्रतिवर्ष)

800 या ज्यादा 9.15

750-799 9.15

700-749 9.35

650-699 9.45

550-649 9.65

बिना सिबिल 9.35

आरबीआई का हालिया निर्देश क्या कहता है
1. ग्राहकों को सभी शुल्क पारदर्शी तरीके से बताए जाएं

2. बैंक बढ़ी मासिक किस्त या लंबी अवधि में कर्ज चुकाने जैसे दोनों विकल्प ग्राहक को अवश्य दें

3. कर्ज की अवधि के दौरान आंशिक या पूरी राशि के भुगतान का विकल्प ग्राहक को मिले

4. कर्ज में चूक के मामले में दंडात्मक ब्याज की जगह जुर्माना लगाएं

5. जब भी ब्याज दरों में बदलाव हो बैंक फिक्स्ड और फ्लोटिंग ब्याज दर चुनने का विकल्प दें

6. बदलाव 31 दिसंबर से लागू होंगे

कर्ज लेकर घर खरीदने वाले ऊंची ब्याज दरों के बोझ तले दबा महसूस कर रहे हैं। आरबीआई ने हाल ही में बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ग्राहक को पारदर्शी रूप से ब्याज दरों के घटने-बढ़ने की सूचना दे।

● होम लोन टेकओवर, रीसेल और रेडी-टू-मूव प्रॉपर्टी 700 सिबिल या ज्यादा स्कोर के मामले में 20 आधार अंक की अतिरिक्त रियायत

● बिल्डर टाइ-अप प्रोजेक्ट 5 आधार अंक की अतिरिक्त रियायत

स्रोत-एसबीआई