मुरादाबाद। परिषदीय स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था अपरंपार हो चली है। इंतजाम ऐसा है। कि किसी स्कूल में मानक से ज्यादा तो कहीं मानक से इतने कम शिक्षक हैं कि व्यवस्था रामभरोसे ही है। जिले में कांठ क्षेत्र का उच्च प्राथमिक विद्यालय सलेमपुर भी इन्हीं में से एक ऐसा स्कूल है, जहां पर 426 बच्चे हैं और शिक्षक सिर्फ दो। इस हिसाब से 213 बच्चों पर एक शिक्षक हैं। अब पढ़ाई किस तरह से होती होगी, इसकी कल्पना की जा सकती है।
जिले में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बीएसए अजीत कुमार तेजी से लगे हुए हैं। इसको लेकर धुआंधार निरीक्षण और सख्ती से काफी हद तक लगाम भी लगा रहे हैं। दूसरी तरफ डीएम मानवेंद्र सिंह ने भी कई विद्यालयों का निरीक्षण किया और शिक्षा व्यवस्था की जानकारी ली। कंपोजिट विद्यालय कन्या नगर में डीएम पहुंचे तो बच्चे उनके सवाल का जवाब नहीं दे पाए थे। वहीं 29 सितंबर को छजलैट ब्लॉक के लदावली और कुचावली में स्कूलों के बच्चों के हिसाब से शिक्षकों की संख्या काफी ज्यादा मिली। इसके अलावा डीएम जब ठाकुरद्वारा के सुल्तानपुर मुंडा विद्यालय पहुंचे तो वहां 61 बच्चों पर सात शिक्षक व गौहरपुर सुल्तान में 65 बच्चों पर पांच शिक्षक मिले। ये आंकड़े इतना बताने के लिए काफी है कि विद्यालयों में बच्चों के हिसाब से शिक्षक नहीं हैं। कहीं 61 बच्चों पर सात शिक्षक तो कहीं 426 बच्चों पर मात्र दो शिक्षक । अब सवाल यह है कि 426 बच्चों को दो शिक्षक किस तरह पढ़ाते होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि इस विद्यालय में मानक के अनुसार कम से कम 13 से 14 शिक्षक होने चाहिए।
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती प्रमोशन की प्रक्रिया के उपरांत होती है। प्रक्रिया जब होगी तो वहां शिक्षकों की तैनाती कर दी जाएगी।
- अजीत कुमार, बीएसए