नेटवर्क का बुरा हाल, कैसे चलेंगे बेसिक स्कूलों के टैबलेट, ऑप्टिकल फाइबर बिछाने करने की योजना धराशायी

 महराजगंज। जिले के परिषदीय विद्यालयों को स्मार्ट बनाने की बात कहते हुए टैबलेट वितरण का कार्य तो प्रारंभ कर दिया गया, मगर खराब नेटवर्क में टैबलेट चलेगा कैसे इसका जवाब किसी के पास नहीं है। अधिकांश ग्राम पंचायतों में भी नेटवर्क की स्थिति खराब है। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का भी कहना है कि पहले नेटवर्क व अन्य बुनियादी जरूरतों को पूरा कराते हुए शिक्षकों को प्रशिक्षित कराना चाहिए। इसके बाद उसका वितरण करते हुए उसके उद्देश्यों की पूर्ति का प्रयास करना चाहिए।

जिले के 1695 परिषदीय स्कूलों में कुल 2737 टैबलेट वितरण के लिए प्राप्त हुए हैं। शिक्षकों को भी कुछ दिन में जिले व विधानसभा स्तर पर कार्यक्रम करते हुए टैबलेट वितरित करना है। टैबलेट तो सभी तक पहुंच जाएगा, मगर उसे चलाने के लिए नेटवर्क की जो आवश्यकता होगी उसके लिए विद्यालय अथवा गांव में कोई विशेष कनेक्शन नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर इलाकों में नेटवर्क का बुरा हाल है। अब समस्या यह है कि टैबलेट चलेगा कैसे।




ब्लॉकवार इतने विद्यालयों के शिक्षकों को मिलेंगे टैबलेट

सदर ब्लॉक के 140, मिठौरा के 152, सिसवा के 128, निचलौल के 180, घुघली के 151, परतावल के 130,पनियरा के 157,धानी के 49, फरेंदा के 135,लक्ष्मीपुर के 142, नौतनवां के 211 व बृजमनगंज के 120 विद्यालयों में टैबलेट बंटेंगे।

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ऑप्टिकल फाइबर बिछाने करने की योजना धराशायी

पंचायती राज विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों में आप्टिकल फाइबर बिछाने की जो योजना बनाई गई थी, वह धराशायी है। यदि गांव में नेटवर्क पहुंचा होता तो टैबलेट के संचालन में काफी सहूलियत होती। ऐसे में स्वयं के सिम के धीमे नेटवर्क के साथ ही टैबलेट चलाना अधिकांश शिक्षकों की मजबूरी होगी।


शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का है यह कहना


परिषदीय स्कूलों में टैबलेट की व्यवस्था को शुरू करने में जल्दबाजी की गई है। जिले के तीन चौथाई विद्यालयों में नेटवर्क की व्यवस्था बदहाल है, साथ ही टैबलेट के संचालन के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित तक नहीं किया गया है। इन तैयारियों को पूरा कराने के बाद टैबलेट का वितरण करना चाहिए।

केेशव मणि त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ


परिषदीय स्कूलों में पहले बुनियादी सुविधाओं की बहाली करनी चाहिए। उसके बाद तकनीकी रूप से विद्यालयों को मजबूत करने की पहल होनी चाहिए। ऐसा कर ही टैबलेट वितरण की मंशा को पूरा करने में मदद मिलेगी।

संजय मिश्रा, राष्ट्रीय सचिव प्राथमिक शिक्षक संघ