क, ख, ग के बीच बकरियों की मैं-मैं, छात्रों को होती है परेशानी




गाजियाबाद। प्राथमिक विद्यालय सराय पुख्ता में क, ख, ग के उच्चारण पर बकरियों की मैं-मैं का शोर छात्रों को पढ़ने नहीं दे रहा है। स्कूल के बाहर स्थानीय लोग बकरियों को बांध देते हैं और खुले में छोड़ देते हैं। इससे स्कूल आने-जाने में तो परेशानी होती है साथ ही बच्चे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं। कई बार कहने के बाद भी आसपास रहने वाले लोग बकरियां बांधना नहीं छोड़ते।


प्राथमिक विद्यालय में एक से पांचवीं कक्षा तक 53 बच्चे पढ़ते हैं। पांच कक्षाओं के बच्चों को संभालने और शिक्षित करने की जिम्मेदारी यहां एक ही शिक्षिका पर है। प्रधानाचार्य और स्कूल की इकलौैती शिक्षिका विमलेश ने बताया कि वह कई बार आसपास के लोगों को स्कूल के बाहर बकरी बांधने को मना कर चुकी हैं और शिक्षा विभाग को भी शिकायत की गई है लेकिन कोई असर नहीं हुआ। इन बकरियों की वजह से स्कूल के बाहर हर समय गंदगी और बदबू रहती है। कई बार बकरियां आक्रामक भी हो जाती हैं।






प्रधानाचार्या बिमलेश देवी ने कहा कि बकरी बांधने वालों को जब भी कहते हैं वो सहानुभूति के लिए कोई झूठी कहानी सुना देते हैं। कुछ दिन तक थोड़ी साफ-सफाई करते हैं और फिर वही हाल हो जाता है। इसकी वजह से स्कूल में हमेशा गंदगी रहती है। स्कूल के बाहर खड़े वाहनों को भी बकरियां गंदा कर देती हैं।





स्कूल के बाहर लगा है कूड़े का ढेर :

स्कूल के बाहर बकरियों की वजह से तो गंदगी रहती ही है। इसके अलावा कूड़े का ढेर भी लगा रहता है। बच्चों को गंदगी में से ही गुजरना पड़ता है। गंदगी की वजह से बच्चों पर बीमारियों का खतरा बना रहता है। प्रधानाचार्य ने बताया कि नगर निगम में शिकायत भी की है लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।





खंड शिक्षा अधिकारी को स्कूल की जांच करने के लिए निर्देशित किया जाएगा। आसपास के लोगों से बात कर बकरियों को स्कूल के सामने से हटाने के लिए बोला जाएगा।

- ओपी यादव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी