मदरसा शिक्षकों को नहीं मिलेगा अतिरिक्त मानदेय राज्य मंत्री बोले, शिक्षकों का अहित नहीं होने देंगे


 

मदरसा शिक्षकों को नहीं मिलेगा अतिरिक्त मानदेय 
दानिश आजाद अंसारी
अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों के मानदेय के मुद्दे पर हमने कई स्तरों पर विचार विमर्श किया है और इन शिक्षकों की भलाई के लिए जो भी मुमकिन होगा, वह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह शिक्षक प्रदेश की योगी सरकार के परिवार के सदस्य हैं, उनका अहित नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों का मई तक बकाया राज्यांश भी जल्द उन्हें उपलब्ध करवाया जाएगा।


लखनऊ,। प्रदेश के मदरसों में गणित, अंग्रेजी, विज्ञान आदि आधुनिक विषय पढ़ाने वाले 21 हजार 216 शिक्षकों का भविष्य अधर में फंसा हुआ है। एक तरफ अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह और राज्य मंत्री दानिश अंसारी इन शिक्षकों का किसी भी सूरत में अहित न होने देने के बयान दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ विभाग इन शिक्षकों का नुकसान दर नुकसान करने पर तुला है।

ताजा फरमान आठ जनवरी को जारी हुआ है। अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक जे. रिभा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इन शिक्षकों को राज्य सरकार के बजट से अतिरिक्त मानदेय प्रदान किये जाने संबंधी व्यवस्था को समाप्त किए जाने और इस निमित्त वित्तीय स्वीकृति जारी न किए जाने का निर्णय लिया गया है।

मदरसा आधुनिकीकरण योजना में 28 जनवरी 2014 को उत्तर प्रदेश सरकार के संकल्प के अनुसार 12000 रुपया मानदेय पाने वाले शिक्षक को 3000 रुपया और 6000 मानदेय के शिक्षक को 2000 रुपया अतिरिक्त राज्यांश देने की व्यवस्था की गई। अतिरिक्त राज्यांश की अदाएगी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निरंतर मार्च 2023 तक की गई है। मगर अब यह व्यवस्था बंद कर दी गई है।

तर्क यह दिया गया कि यह अतिरिक्त मानदेय देने की व्यवस्था तभी तक लागू मानी गई थी। जब तक केंद्र सरकार इसमें आर्थिक सहयोग कर रही थी। अब केन्द्र ने सहयोग देना बंद कर दिया है। इन शिक्षकों को केन्द्रांश का 60 प्रतिशत भुगतान पिछले छह साल से नहीं मिला है।

राज्य सरकार के बजट से अतिरिक्त मानदेय प्रदान किये जाने की व्यवस्था समाप्त




मदरसा बोर्ड चेयरमैन ने पीएम को लिखा पत्र

लखनऊ। आधुनिक मदरसा शिक्षकों को पिछले छह वर्षों से केन्द्रांश का मानदेय न मिलने और अब उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अतिरिक्त मानदेय दिए जाने की व्यवस्था समाप्त करने का मामला तूल पकड़ गया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में प्रधानमंत्री से अनुरोध किया गया है कि वह मदरसा आधुनिकीकरण योजना का नवीनीकरण करवाते हुए उत्तर प्रदेश में इस योजना का विस्तार करवाएं। पत्र में प्रधानमंत्री मोदी के मदरसा छात्र-छात्राओं के एक हाथ में कुरआन और दूसरे हाथ में कम्प्यूटर के नारे का हवाला देते हुए कहा गया है कि इस नारे को सफलता के शिखर पर पहुंचाने के लिए यह भी जरूरी है कि उक्त योजना में कार्यरत शिक्षकों के बकाया मानदेय का यथाशीघ्र भुगतान करवाया जाए।