शादी के कारण महिला अधिकारी की बर्खास्तगी मनमाना व भेदभाव वाला


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सैन्य नर्सिंग सेवा में स्थायी कमीशन अधिकारी को शादी की वजह से नौकरी से हटाना मनमाना और लैंगिक भेदभाव वाला असमानता का घृणित मामला है। शीर्ष कोर्ट ने केंद्र सरकार को पूर्ण व अंतिम निपटान के रूप में आठ सप्ताह के भीतर पूर्व लेफ्टिनेंट सेलिना जॉन को 60 लाख रुपये देने का आदेश दिया है।




जस्टिस संजीव खन्ना व जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, एक नियम के आधार पर शादी के कारण उनको हटाना अवैध था। ऐसा नियम स्पष्ट रूप से मनमाना है, क्योंकि महिला ने शादी कर ली है, इसलिए रोजगार समाप्त करना लैंगिक भेदभाव का बड़ा मामला है। ऐसे पितृसत्तात्मक नियम को स्वीकार करना मानवीय गरिमा, गैर-भेदभाव के अधिकार व निष्पक्ष व्यवहार को कमजोर करता है। केंद्र सरकार ने उन्हें सभी परिणामी लाभों के साथ बहाल करने के सशस्त्र