परीक्षा निरस्त कराने को सुबह से रात तक सड़क पर डटे छात्र


आरओ-एआरओ व पुलिस भर्ती परीक्षा में पेपर लीक को लेकर छात्रों ने ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज से लेकर गोविंदपुर सब्जी मंडी तक निकाला प्रतिरोध मार्च निकाला। लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राघवेंद्र यादव का आरोप है कि परीक्षा के मामले में पेपर लीक है सरकार बिलकुल वीक है, पिछले दिनों हुई समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी व पुलिस की परीक्षा में जिस प्रकार से परीक्षा शुरू होने से पहले लोगों के व्हाट्सएप पर पेपर वायरल हो रहा था इससे यह सिद्ध होता है कि सरकार छात्रों के भविष्य को लेकर बिल्कुल भी सीरियस नहीं है। इस अवसर पर अजय सम्राट, आशुतोष गुड्डू, चौधरी संदीप मोर्चा, मृत्युंजय यादव, अंकुश यादव, विनोद कुमार आदि मौजूद रहे।


आयोग अध्यक्ष के खिलाफ निंदा प्रस्ताव

इविवि छात्रसंघ भवन पर मंगलवार को हुई आपातकालीन बैठक में प्रतियोगियों एवं छात्रनेताओं ने आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया। छात्रनेता सत्यम कुशवाहा ने कहा कि आयोग कितना भी अपने को पाक साफ बता ले लेकिन जो कुछ हुआ, उससे प्रतियोगियों के बीच आयोग की लापरवाही सार्वजनिक हो गई है। इस मौके पर छात्रों ने विवि चौराहे पर कैंडल मार्च निकालकर विरोध दर्ज किया। इस अवसर पर छात्रनेता हरिओम त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि मामले में हस्तक्षेप करें और छात्रहित में फैसला करें। इस अवसर पर आनंद मिश्र, अजय बागी, आदित्य छपरा, हर्षित द्विवेदी आदि मौजूद रहे।

आरवाईए का आंदोलन को समर्थन

इंकलाबी नौजवान सभा (आईवाईए) ने पीपर लीक के खिलाफ जारी आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। आयोग के गेट पर जारी धरने में शामिल आरवाईए के राज्य सचिव सुनील मौर्य कहा कि भाजपा सरकार रोजगार देने के वादे के साथ सत्ता में आई थी लेकिन युवाओं को सिर्फ पेपर लीक मिला, रोजगार नहीं।

प्रयागराज, संवाददाता। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक का आरोप लगाते हुए प्रतियोगी छात्रों ने मंगलवार की दिन से रात तक सड़क पर जोरदार प्रदर्शन किया। परीक्षा निरस्त कराने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों ने पूरे दिन जहां आयोग के सामने जाम लगाकर प्रदर्शन किया। वहीं, रात में तकरीबन आठ बजे एमजी मार्ग स्थित आयोग के अध्यक्ष के आवास का घेराव कर दिया। इस पर पुलिस ने किसी तरह छात्रों को शांत कर वहां से वापस भेजा। वहीं, सलोरी में सैकड़ों प्रतियोगी छात्रों ने कैंडल मार्च निकाल विरोध दर्ज किया।

मंगलवार सुबह करीब साढ़े दस बजे बजे बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आयोग गेट पर पहुंचे और धरना शुरू किया। शाम तक छात्रों का धरना- चलता रहा और सड़क जाम रही। इसे देखते हुए पुलिस ने आयोग चौराहे के पास बैरिकेडिंग कर आवागमन रोक दिया। इससे आम लोगों को काफी परेशानी हुई। अभ्यर्थियों ने ज्ञापन देकर प्रारंभिक परीक्षा तत्काल निरस्त करने की मांग की। अभ्यर्थियों ने पेपर लीक की जांच शीघ्र पूरी करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग भी की। देर रात आयोग के सामने छात्र धरने पर बैठे रहे।

दो स्तर पर चल रही जांच : आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 में पेपर लीक का आरोप लगने के बाद मामले की दो स्तर पर जांच चल रही है। इस बार आयोग ने भी अपने स्तर से तीन सदस्यी जांच समिति गठित कर दी है और इसकी निगरानी एवं रोज अपडेट लेने के लिए अलग से मॉनीटरिंग कमेटी भी बना दी गई है। ऐसे में परीक्षा को लेकर जो भी निर्णय होगा, वह आंतरिक जांच समिति और एसटीएफ की जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगा।


एसटीएफ के लिए जांच आसान नहीं
आयोग की आंतरिक जांच समिति भी अभ्यर्थियों की ओर से उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के आधार पर आगे बढ़ रही है। मामला एसटीएफ के पास जाने के बाद परीक्षा पर कोई भी निर्णय लेना आयोग के लिए आसान नहीं रह गया है। छात्रों का आरोप है कि वायरल हुआ पेपर लाखों मोबाइल फोन तक पहुंचा था। ऐसे में एसटीएफ के लिए भी यह पता लगा पाना इतना आसान नहीं रह गया है कि पेपर वायरल किए जाने की शुरुआत कब और कहां से हुई थी। यह पता लगाए बिना जांच भी पूरी नहीं होगी। ऐसे में यह मामला लंबा खिंच सकता है।