प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को दे दीं आधी-अधूरी किताबें

 

प्राइमरी स्कूलों में सत्र के 24 दिन बीतने के बाद भी कक्षा तीन से आठ के बच्चों को सभी किताबें नहीं मिली हैं। किसी को तीन तो किसी को चार ही किताबें दी हैं। कई स्कूलों में अभी तक बच्चों को एक भी किताब नहीं मिली है। बच्चों के बस्ते से किताबें गायब हैं। अधिकारी शैक्षिक सत्र के पहले दिन से बच्चों को किताबें मुहैया कराने का दावा कर रहे हैं।



वहीं कक्षा एक व दो की किताबें और वर्क बुक (कार्य पुस्तिका) अभी तक किसी स्कूल को नहीं मिली है। शिक्षकों का कहना है कि किसी भी कक्षा के बच्चों को पाठ्यक्रम की सभी किताबें नहीं मिली हैं। बच्चे व अभिभावक किताबों के लिए दबाव बना रहे हैं।


लखनऊ के 1619 प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में करीब पौने दो लाख पंजीकृत हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने सत्र के पहले दिन एक अप्रैल से बच्चों को किताबें मुहैया कराने के निर्देश दिये थे। 24


अप्रैल बीत गया है, लेकिन किसी भी स्कूल के बच्चे को सभी किताबें नहीं मिली हैं। माल ब्लॉक के अधिकांश स्कूलों में कक्षा 6 में केवल चार पुस्तकें, कक्षा 7 में पांच पुस्तकें और कक्षा 8 में दो पुस्तकें बच्चों को मिली हैं। वर्कबुक किसी को नहीं मिली हैं।


यहां के बच्चों को नहीं मिली एक भी किताब

काकोरी ब्लॉक के अधिकांश प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में अभी तक एक भी किताब नहीं मिली है। शिक्षकों ने पुराने बच्चों की किताबें इन बच्चे को दिलायी हैं। इन्हीं किताबों से पढ़ा रहे हैं। शिक्षक लगातार बीएसए से से किताबें की मांग करे हैं, लेकिन स्कूलों को किताबें नहीं भेजी जा रही हैं। मोहनलालगंज, सरोजनीनगर, गोसाईगंज, चिनहट समेत दूसरे ब्लॉक के कई स्कूलों के बच्चों को किताबें नहीं मिल पायी हैं। कक्षा एक व दो की किताबों में लगेगा समय


प्राइमरी स्कूलों में इस बार कक्षा एक व दो के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबें पढ़ाई जाएंगी। कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। बदलाव की वजह से अभी तक इन दोनों कक्षाओं की किताबें स्कूलों में अभी तक नहीं पहुंची हैं। अधिकारी कह रहे हैं कि छपाई चल रही है। जुलाई तक किताबें मिलेंगी। इस संबंध में बीएसए राम प्रवेश से फोन पर बात की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हुआ।