लखनऊ। अगले शिक्षण सत्र से प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को भी डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा मिलने लगेगी। केन्द्र सरकार की पहल पर प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में इसे नए सत्र से शुरू किए जाने की तैयारी है।
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इसका उद्देश्य बच्चों पठन या अध्ययन प्रवृत्ति या आदत विकसित करना है ताकि इससे न सिर्फ उनके ज्ञान में वृद्धि हो सके अपितु उनका उच्चारण भी स्पष्ट और शुद्ध हो सके। साथ ही बिना किसी भौगोलिक बाधाओं के सभी बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध हो सकेगी। इसके अलावा इसके माध्यम से बच्चों में भाषा कौशल, रचनात्मकता एवं आलोचनात्मक सोच विकसित होगी। नेशनल बुक ट्रस्ट इसमें सहयोग करेगा।
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राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय नाम से इस डिजिटल लाइब्रेरी को इस प्रकार से विकसित किया जाएगा जिससे कक्षा और आयु के अनुरूप बच्चों को उनकी पसंद और उनके लिए जरूरी पुस्तक एक क्लिक पर उपलब्ध हो सके।
ये होंगी सुविधाएं
यह लाइब्रेरी पूरी तरह से निशुल्क होगी और आईफोन तथा एन्ड्रॉइड फोन पर भी इसका इस्तेमाल आसानी से किया जा सकेगा।
पहले चरण में इस राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय में विभिन्न भाषाओं की 3000 से अधिक किताबें बच्चों को उपलब्ध कराई जाएंगी।
इनमें कक्षा में पढ़ाए जाने वाली पुस्तकों के अलावा रोचक बाल कहानियां, लोक कथाएं, राष्ट्रीय - अन्तराष्ट्रीय स्तर के नेताओं की लघु जीवनी, राष्ट्रीय भावनाओं से ओत-प्रोत कविताएं, हास्य, इतिहास, विज्ञान, प्रकृति से जुड़े जरूरी सामान्य ज्ञान, कॉमिक्स, भारतीय सेना के शौर्य तथा अन्य सचित्र प्रेरक कहानियां आदि से जुड़ी पुस्तकें शामिल हैं।
राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय को चार आयु वर्ग के बच्चों के लिए तैयार किया गया है। मसलन 3 से 8 वर्ष के लिए, 8 से 11 साल के बच्चों के लिए, 11 वर्ष से 14 साल के बच्चों के लिए तथा 14 साल से 18 वर्ष तक के किशोरों के लिए उनकी रूचि एवं आवश्यकतानुसार पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी।