लखनऊ। प्रदेश के सभी राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में नए शैक्षिक सत्र में दो-दो स्मार्ट क्लास, आईसीटी व अटल टिंकरिंग लैब की सुविधा मिलेगी। इससे विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक से पठन-पाठन व बेहतर प्रैक्टिकल के साथ ही व्यावसायिक शिक्षा भी मिल सकेगी। इसके लिए नए सत्र में 666 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
प्रदेश के 2,400 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में पिछले कुछ दिनों से अभियान चलाकर न सिर्फ अवस्थापना सुविधाएं पूरी की जा रही हैं, बल्कि अत्याधुनिक सुविधाएं व लैब भी विकसित की जा रही है।
इनमें से करीब आधे विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था हो गई है। नए साल के लिए स्वीकृत बजट से जहां हर विद्यालय में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था हो जाएगी। वहीं हर विद्यालय में दो स्मार्ट क्लास बनाने का भी लक्ष्य है।
समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक विष्णुकांत पांडेय ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में समग्र शिक्षा के तहत 638 करोड़ रुपये का बजट मिला था। इसे इस बार बढ़ाकर 666 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसमें स्मार्ट क्लास व आईसीटी लैब की स्थापना
की जाएगी। वर्तमान में लगभग 400 विद्यालयों में यह लैब बन चुकी है। वहीं, इतने ही विद्यालयों में और बनाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में 101 विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना हो चुकी है। 535 में काम चल रहा है। नए साल में बचे 1,700 विद्यालयों में भी इसे पूरा किया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को एआई, रोबोटिक्स, थ्रीडी प्रिंटिंग आदि आधुनिक विधा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि इंटरमीडिएट करके निकलने वाले विद्यार्थी रोजगार के लिए तैयार हो सकें। बता दें कि आम बजट में केंद्र सरकार ने सरकारी स्कूलों में 50 हजार अटल टिंकरिंग लैब स्थापित करने की घोषणा की है।
दिव्यांगों के लिए बढ़ाई जाएंगी सुविधाएं
विष्णुकांत पांडेय ने बताया कि नए सत्र में समग्र शिक्षा के तहत अवस्थापना सुविधाओं के साथ-साथ दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने का भी काम होगा।
• प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत इस बार और ज्यादा विद्यालयों में 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। इसे भी गति दी जाएगी।