प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को छात्रों को ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान तनावमुक्त रहने, समय प्रबंधन और विफलताओं से नहीं डरने के गुर सिखाए। माता-पिता से कहा कि वे छात्रों को दूसरों के सामने मॉडल की तरह न खड़ा करें। मोदी ने सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए कहा कि इसमें उनके माता-पिता ने साथ दिया। मोदी ने अभिभावकों से बच्चों को समझने और उनकी क्षमता समझने को कहा।
मोदी ने लगभग 35 छात्रों से दिल्ली के सुंदर नर्सरी में बातचीत की। इस कार्यक्रम का प्रसारण छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने देखा। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने छात्रों को तेजी से बदलती तकनीक और उसके सही इस्तेमाल के बारे में बताया। उन्होंने तकनीक से समय बर्बाद करने वाली गतिविधियों से बचने को कहा।
मोदी ने छात्रों से कहा कि परीक्षा को जीवन का अंतिम लक्ष्य नहीं समझना चाहिए, क्योंकि जो फेल हो जाते हैं उनका जीवन रुक नहीं जाता। विफलताएं गुरु होती हैं, जो जीवन में बहुत कुछ सिखाती हैं। अभिभावकों को सलाह दी कि बच्चों को अभिलाषा तलाशने का मौका दें। बच्चों की तुलना नहीं करनी चाहिए। किसी भी छात्र को दूसरे छात्रों के बीच में नहीं टोकना चाहिए।
प्रधानमंत्री से बात कर परीक्षा का दबाव भूले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान छात्रों को क्रिकेट का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों को परीक्षा पर कुछ इसी तरह ध्यान देना चाहिए जैसे बैट्समैन का फोकस सिर्फ बॉल पर होता है। यदि बैट्समैन स्टेडियम में होने वाले शोर पर ध्यान देने लगेगा तो आउट हो जाएगा। प्रधानमंत्री से बातचीत करने के बाद छात्र बोले कि परीक्षा का दबाव अब कम महसूस हो रहा है।
दसवीं और बारहवीं कक्षा की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा जल्द शुरू होने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में छात्रों से संवाद किया। प्रधानमंत्री के साथ इस कार्यक्रम में देशभर के छात्रों ने हिस्सा लेते हुए उनसे अपने दिल की बात साझा की। प्रधानमंत्री से संवाद के बाद छात्रों ने कहा कि अब परीक्षा का दबाव कम महसूस हो रहा है।
इस दौरान दिल्ली के विभिन्न सरकारी व निजी स्कूलों में इस कार्यक्रम की लाइव स्क्रीनिंग हुई। कई निजी स्कूलों में बड़ी स्क्रीन के माध्यम से छात्रों ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम देखा। प्रधानमंत्री ने छात्रों को कई तरह के सुझाव दिए। इसमें छात्रों को स्वास्थ्य पर जोर, पोषण का महत्व, समय प्रबंधन, परीक्षा के लिए नींद जरूरी, पढ़ाई के साथ कौशल भी आवश्यक जैसे सुझाव दिए। द्वारका सेक्टर-18 स्थित श्री वेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल के 12वीं के छात्र नमन कौशिक ने कहा, प्रधानमंत्री के छात्रों से संवाद ने मेरी परीक्षा के दबाव को कम कर दिया। उन्होंने पढ़ाई के साथ कौशल पर भी जोर देने की बात कही। मैं इस पर अमल करूंगा और कौशल पर ध्यान दूंगा।
पोषण देने में चूक जातें हैं अभिभावक प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में छात्रों के साथ अभिभावकों को भी सलाह दी। प्रधानमंत्री ने बताया ज्यादातर अभिभावक अक्सर अनजाने में यह भूल जाते हैं, बच्चों के लिए सही पोषण कितना जरूरी है। वह उनकी सफलता और अच्छे नंबरों पर इतना ध्यान देते हैं, लेकिन कहीं न कहीं बच्चे को जरूरी पोषण देने में चूक कर जाते हैं, जिससे बच्चे का न शारीरिक स्वास्थ्य ठीक रहता है और न ही मानसिक स्वास्थ्य। खानपान में पोषण की कमी से उसके दिमाग का विकास भी ठीक से नहीं हो पाता, जिससे उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता और चीजें याद रखने में भी दिक्कतें आती हैं। अभिभावक, बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देते हैं। बच्चों की भावनाओं को समझना और उन्हें एक समर्थित माहौल देना बहुत जरूरी है।
ये भी पढ़ें - बोर्ड परीक्षा के बाद छात्रों की होगी कॅरिअर काउंसिलिंग
ये भी पढ़ें - शिक्षा अधिकारियों पर लगाया उदासीनता बरतने का आरोप
ये भी पढ़ें - अपार आईडी के नाम पर वेतन रोके जाने पर रोक