16 May 2025

बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के लिए अवकाश नीति की मांग: 30 EL और मानवीय नियमों की आवश्यकता

 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को वर्तमान अवकाश नियमों के चलते भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि विभाग में सबसे कम अवकाश स्वीकृत हैं, जबकि उन्हें मात्र 30 अर्जित अवकाश (EL) वार्षिक रूप से मिलते हैं। इसके विपरीत, शून्य EL वाले शिक्षकों का जीवन तो और भी कठिन है, जो केवल 14 आकस्मिक अवकाशों के भरोसे अपनी व्यक्तिगत और पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए मजबूर हैं।

शिक्षकों के संगठनों ने इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है और विभाग से एक सुस्पष्ट एवं मानवीय अवकाश नीति निर्गत करने की पुरजोर मांग की है। उनका कहना है कि वर्तमान नियम शिक्षकों की व्यावहारिक समस्याओं का समाधान करने में पूरी तरह से विफल हैं।


एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक, रमेश कुमार ने बताया, "हमारे पास साल भर में सिर्फ 30 EL होते हैं। किसी भी लंबी बीमारी या पारिवारिक आवश्यकता के समय ये अवकाश पर्याप्त नहीं होते। शून्य EL वाले शिक्षक तो बीमार पड़ने या किसी जरूरी काम के आने पर आकस्मिक अवकाश लेने के लिए मजबूर हैं, जिससे उनके वेतन में कटौती होती है।"

शिक्षकों का यह भी कहना है कि अवकाश नियमों में अस्पष्टता के कारण उन्हें अक्सर अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते हैं और कई बार उन्हें अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वे चाहते हैं कि नई नीति में प्रत्येक व्यावहारिक समस्या का स्पष्ट और साफ समाधान अंकित हो, ताकि किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति न रहे।

उत्तर प्रदेश शिक्षक संघ के अध्यक्ष, सुरेश चंद्र शर्मा ने कहा, "बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक प्रदेश के भविष्य को गढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार अस्वीकार्य है। हम सरकार से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द 30 EL वार्षिक के साथ एक ऐसी अवकाश नीति लागू की जाए, जो शिक्षकों की वास्तविक जरूरतों को ध्यान में रखे और जिसमें हर समस्या का स्पष्ट समाधान हो।"

शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ही ध्यान नहीं दिया गया, तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उनका कहना है कि एक मानवीय और स्पष्ट अवकाश नीति शिक्षकों के मनोबल को बढ़ाने और उन्हें बेहतर ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में सहायक होगी। अब देखना यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षकों की इस जायज मांग पर कब ध्यान देता है और उन्हें राहत प्रदान करता है।