कानपुर । बीते 15 अप्रैल को जीटी रोड हाईवे पर नारामऊ कट के पास हुए सड़क हादसे में सफीपुर, उन्नाव की शिक्षिका अंजुला मिश्रा की जान चली गई। हादसे की सूचना पर पति आनंद मिश्रा जब पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे तो उन्होंने देखा कि पत्नी के शरीर पर कोई गहना नहीं था, जबकि घर से निकलते वक्त वह सोने की चेन, अंगूठी, बिछिया और कान के बुंदे पहने थी। आनंद ने बताया कि दुर्घटनास्थल से जो फोटो उन्हें मिले, उनमें भी पत्नी गहनों के साथ दिख रही थीं। लेकिन जब शव पोस्टमॉर्टम के लिए पहुंचा तो एक-एक कर सभी जेवर गायब हो चुके थे। यह स्थिति खुद पुलिस की मौजूदगी में बनी, जो सबसे बड़ा सवाल खड़ा करती है।
थानों से लेकर पोर्टल तक दौड़ा पति, न सुनवाई न कार्रवाई
आनंद मिश्रा ने इस शर्मनाक घटना के खिलाफ कानपुर पुलिस कमिश्नर से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक शिकायत की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि थाने में शिकायत देने के बावजूद किसी पुलिस अधिकारी ने उनसे संपर्क तक नहीं किया। सीएम पोर्टल पर की गई शिकायत भी पेडिंग पड़ी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पत्नी के गहने इसलिए ढूंढवाने की कोशिश की क्योंकि वे न केवल उनकी निशानी थीं, बल्कि उनकी बेटियों के भविष्य के लिए सुरक्षित की गई थीं। 12 साल की सोनिमा और 6 साल की पर्णिका के सिर से मां का साया उठ गया, और अब मां की आखिरी निशानियों से भी दे वंचित कर दी गई।
पुलिस की मौजूदगी में कैसे गायब हुए जेवर?
शव को घटनास्थल से लेकर मॉर्चुरी तक पुलिस की मौजूदगी में ले जाया गया, ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह लापरवाही थी या फिर सुनियोजित चूक? एक वायरल ऑडियो में एक महिला और मौके पर मौजूद एक सिपाही की बातचीत सामने आई है, जिसमें सिपाही यह स्वीकार करता है कि वह अंजुला मिश्रा के शव के साथ एंबुलेंस में था। हालाकि, 'स्वराज इंडिया' इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता। फिर भी, यह सवाल बना हुआ है कि अगर पुलिस बल साथ था तो गले से चेन, हाथ से अंगूठी, कान से बुंदे और पैर से बिछिया कैसे गायब हो गई? एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय ने मामले की जांच की बात जरूर कही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई। मृतका का परिवार अब मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जाकर न्याय की गुहार लगाने की तैयारी में है।