बदायूं। परिषदीय विद्यालयों में निपुण लक्ष्य को पाने के लिए पियर लर्निंग से पढ़ाई करेंगे। साथ ही रेमेडियल कक्षाएं चलेगी। इससे कमजोर बच्चों में सुधार होगा। नए सत्र से इस पर काम शुरू होगा।
निपुण लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कक्षा एक और दो के बच्चों में भाषा व गणितीय दक्षता का मूल्यांकन किया जाता है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से संशोधित किए लक्ष्य के तहत अब बच्चों का संपूर्ण मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें अब बच्चों को करेंसी नोट देते हुए इसके प्रयोग के बारे में भी बताया जाएगा। बच्चों की समझ व उनके लिखने का भी मूल्यांकन किया जाएगा। इसी के अनुरूप बच्चों को इसकी तैयारी भी कराई जाएगी। इसके लिए बच्चों को हर माह के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम बनेगा। एनईपी- 2020 के अंतर्गत बच्चों के बीच आपस में मिलकर पढ़ाई करने पर जोर दिया जाएगा। उनकी प्रगति का आकलन करते हुए विषय वार रेमेडियल कक्षाएं चलाई जाएंगी। एनसीईआरटी की लाइब्रेरी बुक का प्रयोग भी पुस्तकालय में सक्रिय रूप से कराया जाएगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि इससे गुणवत्ता में सुधार होगा।
राज्य स्तर से भी कराया जाएगा मूल्यांकन
निपुण लक्ष्य प्राप्त करने के लिए विद्यालय के लिए अब दो स्तरीय मूल्यांकन प्रक्रिया लागू होगी। पहले प्रधानाध्यापक विद्यालय के मूल्यांकन के लिए प्रेरणा पोर्टल पर ऑनलाइन नामांकन करेंगे। उसके बाद डायट प्राचार्य के निर्देशन में एआरपी और मेंटर से विद्यालय का मूल्यांकन कराएंगे। डायट प्राचार्य की पुष्टि के बाद राज्य परियोजना निदेशालय भी डीएलएड शिक्षकों से बच्चों का मूल्यांकन कराएंगे।