लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में यूं तो तबादला सत्र शून्य कर दिया गया है। किंतु बड़ी संख्या में यहां अधिकारी तबादला होकर आए हैं। तबादला सत्र शून्य होने की वजह से उनकी विभाग में ज्वाइनिंग तो हो गई है लेकिन उनको काम नहीं मिल रहा है। इसमें सबसे ज्यादा परेशान वो हैं, जो जून में ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उन्हें डर है कि कहीं उनकी सेवानिवृत्तिक देयक भी न फंस जाए।
इस साल कई विभागों में तबादलों को लेकर खींचतान रही है। बेसिक शिक्षा विभाग में भी यह देखने को मिला है। तबादलों की पूरी सूची बनकर तैयार थी किंतु आखिरी समय में स्कूल चलो अभियान, शिक्षकों की चल रही तबादला प्रक्रिया आदि का हवाला देते हुए तबादला सत्र शून्य घोषित कर दिया गया। किंतु पदोन्नति
पाने वाले आधा दर्जन बीएसए, डीआईओएस बन गए हैं।
वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग से भी काफी अधिकारी बेसिक शिक्षा विभाग के निवर्तन (विभाग में वापस) भेज दिए गए हैं। इस तरह विभाग में 20 बीएसए समेत कुल 31 शिक्षा अधिकारी आए हैं। वहीं तबादला सत्र शून्य होने की वजह से किसी तरह इनकी विभाग में ज्वाइनिंग तो हो गई लेकिन उनकी किसी पद पर तैनाती व काम आवंटित नहीं हो पा रहा है। विभाग के अनुसार इससे जुड़ी फाइल स्वीकृति के लिए शासन में भेजी गई है।
जबकि विभाग में वापस आए अधिकारियों में कुछ इसी जून में और कुछ जुलाई में भी सेवानिवृत्त होने वाले हैं। सबसे ज्यादा परेशान यह लोग हैं कि उनका जून का वेतन कहां से निकलेगा? उनका ड्यूज, बीमा धनराशि कहां से भेजी जाएगी? वह किस पद से सेवानिवृत्त होंगे? किसी पद पर तैनाती न होने से उनके सेवानिवृत्तिक देयक से जुड़ी प्रक्रिया प्रभावित होगी।
जहां से वह आए हैं, वहां से उनके कागजात समय से विभाग को भेज दिए जाएं। समय से कागजात न आने पर व प्रक्रिया न होने पर सेवानिवृत्त होने के बाद इसकी प्रक्रिया के लिए उन्हें और अतिरिक्त मशक्कत करनी पड़ेगी। ऐसे में वे विभागीय अधिकारियों के यहां चक्कर काट रहे हैं। हालांकि इस पर कोई विभागीय अधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं है