यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं की स्क्रूटनी कराने वाले छात्र-छात्राओं को अब संशोधित अंकपत्र, सह प्रमाणपत्र लेने से पहले मूल अंकपत्र वापस करना होगा। पूर्व में स्क्रूटनी के बाद परीक्षार्थी के अंक बढ़ने या घटने पर यूपी बोर्ड की ओर से संशोधित अंकपत्र सह प्रमाणपत्र जारी होता था। हालांकि मूल अंकपत्र सह प्रमाणपत्र वापस लेने की कोई व्यवस्था नहीं थी। परीक्षार्थी या माता-पिता के नाम, जन्मतिथि आदि के संशोधन मामले में मूल अंकपत्र वापस लेने के बाद ही संशोधित अंकपत्र जारी होता था।
एक ही बोर्ड में संशोधित अंकपत्र जारी करने के दो अलग-अलग तरह के नियम से भ्रम की स्थिति पैदा हो रही थी। इसके अलावा स्क्रूटनी वाले परीक्षार्थियों को दो अंकपत्र जारी होने से उसके दुरुपयोग की आशंका बनी रहती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने स्क्रूटनी के लिए आवेदन करने वाले परीक्षार्थियों से मूल अंकपत्र वापस लेने के आदेश दिए हैं।
सात जुलाई को जारी यूपी बोर्ड के स्क्रूटनी के परिणाम में हाईस्कूल के 815 और इंटरमीडिएट के 5131 कुल 5946 परीक्षार्थियों के अंकों में वृद्धि या कमी हुई है। इस साल 10वीं के 5495 और 12वीं के 25699 कुल 31194 छात्र-छात्राओं ने स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया था।