प्रयागराज। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों की 68500 शिक्षक भर्ती में रिक्त 27713 पदों पर चयन की आखिरी अड़चन भी दूर हो गई है। 33/30 कटऑफ पर भर्ती की मांग को लेकर शिक्षामित्रों और बीटीसी व डीएलएड अभ्यर्थियों की ओर से दायर क्यूरेटिव पेटीशन (उपराचात्मक याचिका) को सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सात अक्तूबर को खारिज कर दी है। इसी के साथ 68500 भर्ती में कटऑफ को लेकर लंबे समय से चला आ रहा विवाद भी समाप्त हो चुका है।
पहले कटऑफ 45/40 था
शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के विज्ञापन में अनारक्षित वर्ग का कटऑफ 45% जबकि आरक्षित वर्ग के लिए 40% था। बाद में सरकार ने अनारक्षित वर्ग के लिए 33% (49 अंक) और एससी/एसटी वर्ग के लिए 30% (45 अंक) कर दिया था।
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों की 68500 शिक्षक भर्ती में रिक्त 27713 पदों पर चयन की आखिरी अड़चन दूर हो गई है। 33/30 कटऑफ पर भर्ती की मांग पर शिक्षामित्रों और बीटीसी व डीएलएड अभ्यर्थियों की ओर से दायर क्यूरेटिव पेटीशन (उपराचात्मक याचिका) को सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सात अक्तूबर को खारिज कर दी है।
68500 भर्ती की लिखित परीक्षा के विज्ञापन में अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का कटऑफ 45% और आरक्षित वर्ग के लिए 40% रखा गया था।
हालांकि बाद में सरकार ने पात्रता अंकों को कम करके अनारक्षित वर्ग के लिए 33% (49 अंक) और एससी/एसटी वर्ग के लिए 30% (45 अंक) कर दिया था। इसके खिलाफ दायर याचिकाओं में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकल और डिवीजन बेंच ने 45/40 कटऑफ को बरकरार रखा और उसके आधार पर चयन पूरा हुआ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 33/30 कटऑफ विवाद को खारिज कर अगस्त 2024 के अंत में बेसिक शिक्षा विभाग को दो माह में रिक्त 27713 पदों पर नए सिरे से भर्ती शुरू करने के आदेश दिए थे। इस बीच शिक्षामित्र, बीटीसी, डीएलएड अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका कर दी थी। कोर्ट ने पहले विशेष अनुज्ञा याचिका खारिज कर दी थी, उसके बाद क्यूरेटिव पिटीशन पीठ ने सात अक्तूबर को खारिज कर दिया।

