लखनऊ। मदरसा शिक्षा परिषद से कामिल (स्नातक) और फाजिल (परास्नातक) डिग्री धारक अब मदरसों में शिक्षक नहीं बन सकेंगे। अब स्नातक/परास्नातक व बीएड के साथ टीईटी होना अनिवार्य होगा। मदरसों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए शासन स्तर से गठित कमेटी ने शिक्षकों की नए सिरे से योग्यता तय कर दी है। संशोधित मदरसा विनियमावली 2016 अंतिम बैठक के बाद शासन को भेजी जाएगी।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मदरसा बोर्ड की कामिल और फाजिल की डिग्री यूजीसी से मान्य न होने पर इन्हें असांविधानिक घोषित कर दिया था। इसके बाद मदरसा शिक्षकों की योग्यता का पुनर्निर्धारण और
पाठ्यक्रम में सुधार, दंड प्रक्रिया, स्थानांतरण आदि के लिए अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। सूत्रों के मुताबिक कमेटी ने संशोधित नियमावली तैयार कर ली है। कमेटी की अंतिम बैठक मंगलवार को होने की उम्मीद है। बैठक में संशोधन पर मुहर लगने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक मान्यता प्राप्त विवि से स्नातक, परास्नातक और प्रशिक्षित स्नातक ही शिक्षक नियुक्त हो सकेंगे

