28 October 2025

उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव पर एसआईआर का असर, समय पर मतदान कराना मुश्किल

उत्तर प्रदेश को विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) में शामिल किए जाने से पंचायत चुनावों की तैयारियों पर प्रभाव पड़ना तय है। पंचायती, लोकसभा और विधानसभा चुनाव की मतदाता सूचियाँ अलग-अलग होती हैं, लेकिन इन सूचियों का अद्यतन करने वाले कर्मचारी एक ही होते हैं। ऐसे में अमल में चुनौतियाँ आना तय हैं।


प्रदेश में अगले साल अप्रैल-मई में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं। इसके लिए मतदाता सूचियों का अपडेट कार्य जारी है। 1 जनवरी 2025 के आधार पर सर्वेक्षण पूरा हो चुका है; अब सभी एसडीएम डेटा चेक करने के बाद ऑनलाइन फीड करवाएंगे। मतदाता सूची का अनंतिम मसौदा 5 दिसंबर को और अंतिम सूची 15 जनवरी 2026 को प्रकाशित होगी।





इसके अलावा, उन युवा मतदाताओं को भी सूची में जोड़ा जाएगा जो 1 जनवरी 2026 को 18 वर्ष के पूरे होंगे। इसी बीच, 28 अक्टूबर से 7 फरवरी तक एसआईआर का कार्य भी निष्पादित किया जाना है। विशेषज्ञों के अनुसार, बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) दोनों ही सूचियों के लिए समान हैं, जिससे कार्यभार बढ़ेगा। समाधान के तौर पर स्थानीय प्रशासन अतिरिक्त बीएलओ नियुक्त कर सकता है।


क्या पंचायत चुनाव टल सकते हैं? पंचायतीराज विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अधिनियम के अनुसार, चुनाव पंचायतों के कार्यकाल के छह माह पहले या बाद में कराए जा सकते हैं। छह माह से ज्यादा टालने पर केंद्र की सहायता रुक जाएगी। वहीं, 2027 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिन्हें देखकर पंचायत चुनावों को आगे बढ़ाना संभव नहीं लगता। ऐसे में इन्हीं परिस्थितियों के बीच समाधान निकालने होंगे।