नई दिल्ली, । दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि निजी स्कूलों के शिक्षकों एवं अन्य कर्मियों को छठे एवं सातवें वेतनमान के हिसाब से तनख्वाह देने पर एक बार फिर से एकल न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई की जाएगी।
न्यायालय की खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश द्वारा क्षेत्रीय एवं केन्द्रीय स्तर पर समिति बनाकर इस मुद्दे के आकलन के आदेश को भी खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद एवं न्यायमूर्ति विमल कुमार यादव की पीठ ने 62 याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया है। पीठ ने कहा है कि एकल न्यायाधीश इस मुद्दे पर विस्तार से सुनवाई करें। यहां निजी स्कूलों का पक्ष व यहां कार्यरत शिक्षकों व अन्य कर्मियों को सुना जाए, जिससे तार्किक निर्णय पर पहुंचा जा सके।
समितियों को भंग करने का निर्देश : पीठ ने क्षेत्रीय व केन्द्रीय स्तर की समितियों को भंग करने का निर्देश देते हुए कहा कि इस तरह की समिति किसी पुख्ता निर्णय पर नहीं पहुंच पाएंगी। लिहाजा स्कूलों का तर्क व याचिकाकर्ताओं का पक्ष दोनों को सुनकर फैसला होना जरूरी है।

