। विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों की नवंबर में सेमेस्टर परीक्षा होनी है और उनके परीक्षा फॉर्म समर्थ पोर्टल पर भरे जाने हैं। फिलहाल, पोर्टल पर परीक्षा फॉर्म भरने में इन उच्च शिक्षण संस्थानों के पसीने छूट रहे हैं। स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अलग-अलग विषयों को भरने में कठिनाई आ रही है। तकनीकी खामी के कारण शिक्षक प्रोन्नति पहले से ही लटकी हुई है।
लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय कहते हैं कि समर्थ पोर्टल को लांच कर दिया गया लेकिन इसका सरल ढंग से उपयोग किया जा सके इसकी कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई। गाइड लाइन और शिक्षकों को बेहतर ढंग से ट्रेनिंग तक नहीं दी गई। ऐसे में एक के बाद एक कठिनाई समर्थ पोर्टल को लेकर सामने आ रही है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि सिर्फ रेग्युलर फॉर्म ही भर पा रहे हैं। बैक पेपर, इंप्रूवमेंट और फेल छात्रों के फॉर्म भरने का विकल्प ही नहीं है। वहीं अभी तक डिग्री कॉलेजों की समर्थ आईडी भी नहीं बन पाई है। जिसके माध्यम से विश्वविद्यालय इनका सत्यापन करें।
प्रदेश में कुल 54 लाख छात्र हैं, जिसमें से स्नातक प्रथम सेमेस्टर में लगभग 19 लाख विद्यार्थी हैं। विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों को समर्थ पोर्टल पर आपस में लिंक नहीं किया गया है। जिसके चलते डिग्री कॉलेज शिक्षकों की प्रोन्नति तक फंसी हुई है। पिछले साल भी परीक्षा फॉर्म भरने में कठिनाई आई थी और फिर विश्वविद्यालय स्तर पर ही इसे ऑनलाइन भरने के निर्देश दिए गए थे। अब इस वर्ष भी यही स्थिति आ गई है।