20 November 2025

महिला को पति नहीं, माता-पिता का देना होगा ब्योरा: 2003 की सूची में किसी का नाम न होने पर ही देना होगा प्रमाणपत्र

 

मतदाता सूची के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए प्रपत्रों को भरने को लेकर आमजन के मन में जो संशय है, उसे जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया। उप जिला निर्वाचन अधिकारी पूजा मिश्रा ने संगम सभागार में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि अगर अगर किसी महिला की शादी हो गई है और 2003 के बाद वो वोटर बनी हैं तो उन्हें प्रपत्र में अपने पति का नहीं, बल्कि माता-पिता, दादा-दादी जो भी वर्ष 2003 में मतदाता रहा हो, उसका नाम बीएलओ को बताना होगा। इसके बाद हमारे बीएलओ व ईआरओ का काम होगा, उन्हें तलाश करना।



उन्होंने बताया कि अगर किसी का नाम वर्ष 2003 की मतदाता सूची में नहीं है तो उसे प्रपत्र में नीचे की ओर दिए गए दाहिनी ओर के कॉलम में अपने माता-पिता का ब्योरा देना होगा, जो वर्ष 2003 में मतदाता था। जिसके पास इसमें से कुछ नहीं है, उसे ही अपना एक दस्तावेज देना होगा। वो भी नोटिस जाने के बाद। इसके बाद सभी का नाम ड्राफ्ट में प्रकाशित होगा।


उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जिले में कुल 46 लाख 92 हजार 860 मतदाता पंजीकृत हैं, जिसमें 25 लाख 42 हजार 506 पुरुष, 21 लाख 49 हजार 884 महिलाएं व 470 किन्नर हैं। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण चल रहा है। चार नवंबर से शुरू हुई प्रक्रिया में अब तकं 98.06 फीसदी प्रपत्र वितरित कर दिए गए हैं, जबकि बुधवार शाम तक कुल 32993 प्रपत्रों को ऑनलाइन जमा कर दिया गया है। इस वक्त ऑनलाइन प्रपत्र जमा करने का काम तेजी पर है। उन्होंने सभी बीएलओ को प्रपत्र जमा कराने के निर्देश दिए और आम नागरिकों से अपील की है कि वो जल्द से जल्द अपना प्रपत्र जमा करें। जिससे चार दिसंबर को आयोग की ओर से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यह काम पूरा हो जाए।


इस वेबसाइट से खुद भी ऑनलाइन करेंगे प्रपत्र: अगर किसी को बीएलओ से कोई प्रपत्र नहीं प्राप्त हुआ है तो उसे अपने क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) या सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) से शिकायत करनी चाहिए। इसके साथ लोग निर्वाचन आयोग की वेबसाइट https:// voters.eci.gov.in पर जाकर भी अपना प्रपत्र डाउनलोड कर ऑनलाइन इसे जमा भी कर सकते हैं। हालांकि इसे वेबसाइट पर वष 2003 की एसआईआर का ब्योरा देना होगा, जैसे पोलिंग स्टेशन, मतदान केंद्र का नाम, वर्ष 2003 की एसआईआर में सीरियल नंबर जो कि एक जटिल प्रक्रिया है। क्योंकि तब से अब तक अगर किसी का विधानसभा क्षेत्र न भी बदला हो तो भी मतदेय स्थल और केंद्र में बदलाव हो चुका है और सीरियल नंबर की तलाश करना मुश्किल है।


छह को नोटिस, सात का मानदेय रोका, एक पर केेस

प्रयागराज । मतदाता सूची के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) में लापरवाही करने वाले दो अधिकारियों और चार सुपरवाइजरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, सात बीएलओ का मानदेय भुगतान रोकने और एक बीएलओ पर प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश एसीएम तृतीय हीरा लाल सैनी ने दिए हैं।


कई दलों ने नहीं दिए बीएलए के नाम

राजनीतिक दलों से अपने बूथ लेवल एजेंट तैनात करने की अपील भी जिला प्रशासन ने की थी। इस क्रम में तमाम पार्टियां पीछे चल रही हैं। अब तक जिला प्रशासन को भाजपा, सपा और बसपा ने 12755 बीएलए की सूची दी है। बीएलए की सूची देने से कांग्रेस ने हाथ पीछे खींचा है। जिला प्रशासन की सूची यही बता रही है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि तीन दलों के बीएलए की सूची मिली है। जिनसे समन्वय बनाकर बीएलओ काम कर रहे हैं।


मतदाता सूची विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण के लिए अधिकांश वोटरों को प्रपत्र दिए जा चुके हैं। इक्का दुक्का स्थानों पर प्रपत्र नहीं वितरित हो सके हैं। ऐसे में बीएलओ को निर्देश दिया गया है कि वो घर में मौजूद रिश्तेदारों को प्रपत्र दें। अगर कोई नहीं मिलेगा तो उसके घर पर इसे चस्पा कराया जाएगा। अब प्रपत्रों के डिजिटलाइजेशन पर हमारा जोर है। हम मतदाताओं से यही अपील करते हैं कि वो अपने प्रपत्र तेजी के साथ जमा करें। चाहे तो आयोग की वेबसाइट पर भी अपना प्रपत्र देख सकते हैं और वहीं से डिजिटलाइज भी कर सकते हैं। मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी