20 December 2025

नियुक्ति पत्र वितरण में 25 हजार मांगने का आरोप

हरदोई: बेसिक शिक्षा विभाग में एआरपी चयन के बाद नियुक्ति पत्र वितरण में हुई देरी ने गुरुवार को बड़ा बखेड़ा खड़ा कर दिया। नियुक्ति पत्र के बदले 25 हजार रुपये मांगे जाने की शिकायत डीएम तक पहुंची तो जिलाधिकारी ने सख्त रुख अपनाते हुए सीडीओ को जांच सौंपी।


बेसिक शिक्षा विभाग में अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) के चयन के बाद नियुक्ति पत्र वितरण में देरी का मामला अब जांच के दायरे में आ गया है। 10 दिसंबर को ही मुख्य विकास अधिकारी सान्या छाबड़ा ने 14 एआरपी की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण कर दी थी। नियुक्ति पत्र केवल बीएसए डा. अजित सिंह के हस्ताक्षर के बाद वितरित होने थे, लेकिन कई दिन बीत जाने के बावजूद पत्र नहीं बांटे गए। नियुक्ति पत्रों की पत्रावली पहले जिला समन्वयक प्रशिक्षण का कार्यभार देख रहे दिलीप शुक्ला के पास रही, इसके बाद बीईओ मुख्यालय प्रभाष के पास पहुंची। इसी बीच

सामने आई। गुरुवार को किसी ने इस संबंध में डीएम से शिकायत कर दी। डीएम ने मामले की जांच सीडीओ को दी। सीडीओ ने तत्काल बीएसए, जिला समन्वयक प्रशिक्षण और बीईओ मुख्यालय को तलब कर नियुक्ति पत्र वितरण में देरी का कारण पूछा। सभी ने रुपये मांगने के आरोप से इनकार करते हुए एक दूसरे की लापरवाही को वजह बताया, लेकिन सीडीओ का कड़ा रुख देखकर सभी एआरपी को घरों


से विकास भवन बुलाकर शाम तक नियुक्ति पत्र सौंप दिए गए। सीडीओ ने बताया कि नियुक्ति पत्र के बदले 25 हजार रुपये मांगे जाने की जांच की जा रही है।


कठिन परीक्षा से होता है एआरपी का चयनः एआरपी मूल रूप से शिक्षक ही होते हैं, लेकिन उन्हें यहां तक पहुंचने के लिए कठिन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है इनके चयन में पहले लिखित परीक्षा होती है। सफल होने पर माइक्रोटीचिंग टेस्ट होता है। इसके बाद सीडीओ की अध्यक्षता वाली समिति साक्षात्कार लेती है। इसमें भी सफल होने वाले का चयन होता है। एआरपी की तीन वर्ष के लिए नियुक्ति होती है। उन्हें इसी का नियुक्ति पत्र दिया जाता है।