नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि देश में बच्चों की तस्करी और पैसा कमाने के मकसद से उनका यौन शोषण चिंताजनक है। जस्टिस मनोज मिश्रा और जॉयमाल्या बागची की पीठ ने बच्चों तस्करी और यौन उत्पीड़न के मामलों को संवेदनशीलता से निपटने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करते हुए यह टिप्पणी की।
पीठ ने कहा कि अदालतों को तस्करी और वेश्यावृत्ति के नाबालिग पीड़ितों के सबूतों को संवेदनशीलता और वास्तविकता से समझना चाहिए। इसके साथ ही, शीर्ष अदालत ने अदालतों को छोटी-मोटी कमियों या व्यवहार के बारे में बनी-बनाई धारणाओं के आधार पर उनकी गवाही को खारिज नहीं करने की चेतावनी दी। पीठ ने कहा है कि बच्चों की तस्करी के मामले अलग-थलग घटनाएं नहीं हैं, बल्कि संगठित शोषण के एक गहरे पैटर्न का हिस्सा हैं।

