यूपी में मतदाता सूची के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) की तारीख शुक्रवार को खत्म हो गई। पहले दो बार एसआईआर की तारीख बढ़ाई जा चुकी है लेकिन तीसरी बार इसे नहीं बढ़ाया गया। अब गणना प्रपत्र भरकर जमा करने का कार्य पूर्ण हो गया है। अभी मतदाता सूची में 15.44 करोड़ नाम हैं और इसमें से अब 2.89 करोड़ नाम काटे जाएंगे। वहीं, 1.11 करोड़ वोटरों को नोटिस भेजेे जाएंगे।
जिन 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम काटे जाएंगे, उनमें 1.26 करोड़ स्थानांतरित, 46 लाख मृत, 23.70 लाख डुप्लीकेट, 83.73 लाख अनुपस्थित व 9.57 लाख अन्य श्रेणी के मतदाता हैं। यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि 31 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की जाएगी। ड्राफ्ट मतदाता सूची पर 31 दिसंबर से 30 जनवरी 2026 तक दावे व आपत्तियां ली जाएंगी। 31 दिसंबर से ही लेकर 21 फरवरी 2026 तक नोटिस चरण में गणना प्रपत्रों पर निर्णय व दावों एवं आपत्तियों का निस्तारण होगा। फिर 28 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी जाएगी। 11 दिसंबर को एसआईआर की तारीख दूसरी बार दो हफ्ते बढ़ाकर 26 दिसंबर की गई थी।
पहले दो बार बढ़ चुकी एसआईआर की तिथि
सूची में शामिल 91% लोगों की हो गई मैंपिंग
वोटर होने की पहचान के रूप में दस्तावेज देना होगा
2003 की सूची से वर्तमान मतदाता सूची की मैपिंग का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। वर्ष 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाता सूची में शामिल करीब 91 प्रतिशत लोगों का मिलान कर लिया गया है। ऐसे मतदाताओं का खुद उनके नाम से माता-पिता, दादा-दादी या फिर नाना-नानी के नाम से मिलान किया गया है। नौ प्रतिशत लोगों को ही चुनाव आयोग द्वारा नोटिस भेजा जाएगा।
1.11 करोड़ लोगों के घर चुनाव आयोग की ओर से नोटिस भेजा जाएगा। जिन्हें मतदाता होने की पहचान के रूप में दस्तावेज आयोग को देना होगा। फिलहाल शुद्ध मतदाता सूची के प्रकाशन को लेकर सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। सभी जिलों के डीएम को आदेश दिए गए हैं कि वह ड्राफ्ट मतदाता सूची पूरी सावधानी के साथ जारी करें। आगे दावे व आपत्तियों के निस्तारण में भी पारदर्शिता बरती जाए।


