बीएसए कार्यालय का अजब-गजब फर्जी कारनामा, बेचे अभ्यर्थी के दस्तावेज

 

पिता ने आरोप लगाकर डीएम से की शिकायत, जांच शुरू 
कन्नौज। वर्ष 2015 में शिक्षकों की काउंसलिंग के दौरान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में फर्जीवाड़ा होने का एक बड़ा मामला प्रकाश में आया है। तत्कालीन बीएसए के निर्देश पर कार्यालय ने दस्तावेजों ने फाइल तो जमा करा ली थी लेकिन ज्वाइनिंग का लेटर नहीं दिया। इस बीच मिलते जुलते नाम वाले अपात्र छात्र को स्कैन दस्तावेज बेच देने के आरोप लग रहे हैं। डीएम राकेश कुमार मिश्र जांच की बात कही है।


शहर के तिला रोड क्षेत्र के बालाजी नगर मोहल्ला निवासी डॉ. मनोज कुमार ने डीएम राकेश कुमार मिश्र को शिकायत देकर बताया कि उनकी बेटी के नाम दूसरा कोई नौकरी कर रहा है।
डा. मनोज के अनुसार उनकी बेटी प्रियंका ने 2015 को शिक्षक भर्ती का फार्म भरा था। काउंसलिंग के बाद दस्तावेज बीएसए कार्यालय में जमा करा लिए गए थे। तत्कालीन बीएसए ने नियुक्ति पत्र नहीं दिया था कहा था कि अकाडमी से क्वालीफाइड को नौकरी नहीं मिल सकती। मनोज के बताया कि फाइल लेने के लिए बीएसए दफ्तर के चक्कर लगाते रहे, मगर तीन महीने बाद फाइल नहीं दी गई डॉ. मनोज ने आशंका जताई कि बीएसए कार्यालय से ही स्कैन कराकर दस्तावेज बाहर गए हैं। आरोप लगाया कि इसके एवज में लाखों रुपये की डील हुई होगी डॉ मनोज ने बताया कि बेटी की शादी फरवरी 2014 में कानपुर के अश्वनी कुमार से हुई थी। वर्ष 2019 में बेटी दामाद लंदन में हैं। डॉ. मनोज ने बताया कि गुरसहायगज के रामकृष्ण नगर मोहल्ले स्थित पैतृक आवास पर कुछ दिनों पहले मीरजापुर के विधाचल मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय से डाक के जरिये एक पत्र मिला। इसमें पता चला कि
प्रियंका के दास्तावेजों से कोई युवती मीरजापुर के पहाड़ी क्षेत्र के राजकीय बालिका हाईस्कूल भरपुरा में सहायक अध्यापिका उर्दू के पद पर नौकरी कर रही है। नौकरी करने
चाले की जाति और पिता का नाम अलग है। वह तालग्राम के एक गांव की रहने वाली है। एसपी प्रशांत वर्मा ने कहा कि जांच के लिए डीएम मोरजापुर को पत्र लिखा गया है।