नियोक्ता जब्त कर सकता है ग्रेच्युटी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को कहा कि नियोक्ता को यदि किसी कर्मचारी के काम में चूक या लापरवाही से कोई नुकसान या संपत्ति को क्षति हुई हो तो वह बर्खास्त कर्मचारी की ग्रेच्युटी जब्त कर सकता है। हालांकि, कोर्ट ने साफ किया कि इस तरह की जब्ती सिर्फ नियोक्ता को हुए नुकसान की सीमा तक हो सकती है, इससे आगे नहीं।


जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और उसके कर्मचारियों के बीच विवादों से जुड़ी दो याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह फैसला दिया।

एक मामले में बैंक ने कर्मचारी के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया था जिसमें उस पर आरोप लगाया गया था कि उसके द्वारा कुछ पार्टियों को समायोजित करने के लिए ऋण जारी किए गए, जिससे बैंक को नुकसान हुआ। जबकि दूसरे मामले में बैंक ने कर्मचारी पर आरोप लगाया था कि उसने मानदंडों का उल्लंघन कर लोन दिया।