बेसिक में गलत जिला आवंटन में तीन साल से उलझे दो हजार से अधिक शिक्षक



मेरिट में होते हुए भी एक शिक्षक भर्ती की दूसरी बार मेरिट जारी होने से हुई मनमानी
गोंडा। बेसिक के प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में जिला आवंटन में हुए खेल में प्रदेश के दो हजार से अधिक शिक्षकों की मुश्किलें तीन साल से चढ़ी हुई हैं। सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित मेरीटोरियस रिजर्व कैटेगरी (एमआरसी) के शिक्षकों को तीन साल तक मनपसंद जिले में तैनात ही नहीं मिल सकी है।


29 अगस्त 2019 को हाईकोर्ट ने मेधावी अभ्यर्थियों के अधिकारों का हनन करार देते हुए जिला आवंटन निरस्त किया और एमआरसी शिक्षकों को अपना प्रत्यावेदन देने और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को नए शैक्षिक सत्र 2020-21 से उनको दोबारा जिला आवंटन करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कार्रवाई न होने पर अवमानना याचिका पर आदेश होने पर अब जिला आवंटन के लिए दो अप्रैल से पांच अप्रैल तक आवेदन लिए गए हैं। कोर्ट में मुख्य पक्षकार बादल मलिक ने आदेश का अनुपालन न होने पर करीब 1300 एमआरसी शिक्षकों के साथ अवमानना याचिका की हाईकोर्ट के आदेश ने मेधावी अभ्यर्थियों से तीन जिलों का विकल्प लेकर जिला आवंटन का आदेश दिया। यह आदेश उन्हीं पर लागू होगा, जो बाची हैं। सात सौ से अधिक शिक्षक ऐसे हैं जो डबल बेंच में याचि नहीं बन सके। विभाग ने उसी शर्त के आधार पर आवेदन फिर से जमा कराए हैं। बताया जा रूप है कि इस बार हाइकोर्ट के आदेश में शामिल शिक्षकों को उनकी मेरिट के आधार पर जिले का आवंटन होगा। बता दें कि 68500 शिक्षक भर्ती के तहत हुई परीक्षा में 41556 अभ्यर्थी ही पास हो सके। जिसमें से पहले चरण में 35420 को पांच सितंबर 2018 को नियुक्ति पत्र दिया गया था।