छह साल में सबसे शानदार रहा टीईटी का परिणाम


प्रयागराज। सर्वाधिक अभ्यर्थी भी इसी परीक्षा में शामिल हुए थे। हालांकि इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के सफल होने के बाद सरकार पर नई शिक्षक भर्ती शुरू करने का दबाव और बढ़ेगा। क्योंकि डीएलएड (पूर्व में बीटीसी) और बीएड प्रशिक्षित बेरोजगार दो साल से नई भर्ती के लिए अभियान चला रहे हैं। इससे पहले 2018 में प्राथमिक स्तर की टीईटी में 35 प्रतिशत को सफलता मिली थी। जबकि 2019 में 29.74 फीसदी अभ्यर्थी पास हुए थे। कोरोना के कारण 2020 में परीक्षा नहीं कराई जा सकी थी।


आजीवन मान्य होने के बाद भी रिकॉर्ड आवेदन

कदम- कदम पर बाधा

परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने पहले फरवरी 2021 में परीक्षा कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। बाद में 25 जुलाई 2021 को परीक्षा तिथि तय की गई। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण आवेदन नहीं हो सके। उसके बाद सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापक और प्रधानाध्यापक की भर्ती परीक्षा होने के कारण टीईटी की तारीख आगे बढ़ानी पड़ी। फिर 28 नवंबर की तारीख तय हुई लेकिन पेपर लीक के कारण परीक्षा टालनी पड़ी। मुख्यमंत्री ने एक महीने में परीक्षा की बात कही थी लेकिन 21 जनवरी को परीक्षा कराई जा सकी।

यूपी-टीईटी के प्रमाणपत्र आजीवन मान्य होने के बावजूद 2021 की परीक्षा में रिकॉर्ड आवेदन हुए। प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 12,91,628 और उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 8,73,553 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। जबकि परीक्षा नियामक प्राधिकारी को 10 लाख के आसपास आवेदन की उम्मीद थी।

प्राथमिक स्तर:सफल अभ्यर्थियों का आंकड़ा

वर्ष पंजीकृत सम्मिलित पास प्रतिशत

2021 8,73,553 7,65,921 216994 28.33

2019 5,73,322 5,23,972 60,068 11.46

2018 6,12,930 5,69,515 1,88,646 33.12

2017 6,27,568 5,31,712 41,888 07.88

2016 5,01,821 4,54,616 50,138 11.03

2015 6,71,796 6,22,437 87,353 14.03

वर्ष पंजीकृत सम्मिलित पास प्रतिशत

2021 12,91,628 11,47,090 4,43,598 38.67

2019 10,83,016 9,90,744 2,94,635 29.74

2018 11,70,786 11,01,645 3,86,137 35.05

2017 3,49,192 2,76,636 52,423 19.95

2016 2,54,068 2,21,654 25,226 11.38

2015 2,58,372 2,37,620 59,062 24.85