जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में चार हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली

अलीगढ़ , बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में चार हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं। जिले में एक शिक्षक के सहारे तीन दर्जन विद्यालय चल रहे हैं। इन विद्यालयों में बच्चे भरपूर हैं। लेकिन शिक्षकों की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी? यह सवाल विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है।


जिले में 2115 विद्यालय हैं। इनमें एक शिक्षक के सहारे तीन दर्जन विद्यालय चल रहे हैं। शिक्षकों की कमी स्थिति तब है, जब पिछले साल शिक्षकों की भर्ती हुई थी। विभागीय सूत्र के अनुसार जिले के करीब 35 विद्यालय एक शिक्षक, करीब 250 विद्यालय दो, 600 विद्यालय तीन, 900 विद्यालय चार शिक्षकों के सहारे हैं। विकास खंड अकराबाद में 21,369, अतरौली में 21,832, बिजौली में 20,429, चंडौस में 16,159, धनीपुर में 24,613, गंगीरी में 28,457, गोंडा में 15,008, इगलास में 18,887, जवां में 29,138, खैर 16,952, लोधा 29,852, नगर 10,350, टप्पल 14,162 छात्र-छात्राएं इन विद्यालयों में पढ़ रहे हैं। शिक्षाविद् डॉ. रक्षपाल सिंह ने कहा कि इन विद्यार्थियों का भविष्य चमकाने का जिम्मा बेसिक शिक्षा विभाग के पास है, लेकिन शिक्षकों की कमी से उनका भविष्य अंधकार में जाता दिख रहा है।

बेसिक शिक्षा विभाग की स्थिति
1386 प्राथमिक विद्यालय
354 उच्च प्राथमिक विद्यालय
375 कंपोजिट विद्यालय
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2.67 लाख छात्र-छात्राएं
2470 शिक्षामित्र
229 अनुदेशक
प्राथमिक विद्यालय स्वीकृत पद कार्यरत रिक्त
प्रधानाध्यापक 268 1190 922
सहायक अध्यापक 5962 3277 2685
उच्च प्राथमिक विद्यालय स्वीकृत पद कार्यरत रिक्त
प्रधानाध्यापक 158 111 47
सहायक अध्यापक 2450 1918 532
नोट: आरटीई के आधार पर आंकड़े
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आरटीई के आधार पर शिक्षकों का आवंटन
0-60 2 सहायक अध्यापक (प्राथमिक)
61-90 3 सहायक अध्यापक
91-120 4 सहायक अध्यापक
121-150 5 सहायक अध्यापक
151-200 5 सहायक अध्यापक व 1 प्रअ
201-240 6 सहायक अध्यापक व 1 प्रअ
241-280 7 सहायक अध्यापक व 1 प्रअ
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0-100 3 सहायक अध्यापक (उच्च प्राथमिक)
101-105 3 सहायक अध्यापक 1 प्रअ
106-140 4 सहायक अध्यापक 1 प्रअ
141-175 5 सहायक अध्यापक 1 प्रअ
176-210 6 सहायक अध्यापक व 1 प्रअ
211-245 7 सहायक अध्यापक व 1 प्रअ
246-280 8 सहायक अध्यापक व 1 प्रअ
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जिले में शिक्षकों की कमी है। परिषदीय विद्यालयों के लिए प्रदेश सरकार शिक्षकों की भर्ती करेगी। शिक्षक भर्ती से इस कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
-सतेंद्र कुमार, बीएसए