बेसिक शिक्षकों ने परीक्षा पर खर्च किए लाखों, नहीं हुआ भुगतान

बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में हुई वार्षिक परीक्षाएं गुरू जी की जेब पर भारी पड़ी हैं। शासन से उत्तर पुस्तिका एवं पेपर छपाई के लिए कोई बजट जारी नहीं किया तो शिक्षकों ने स्वयं अपनी जेब रुपये खर्च कर उत्तर पुस्तिका खरीदकर बच्चों की वार्षिक परीक्षाएं कराई हैं। नए शिक्षा सत्र के 50 दिन गुजर जाने के बाद भी अध्यापकों को उनका पैसा नहीं मिला। विभागीय अधिकारी बजट न होने की बात कह रहे हैं। परिषदीय सरकारी स्कूलों में 2021-22 में हुई वार्षिक परीक्षाओं में भी शिक्षकों ने अपने पैसे से उत्तर पुस्तिका खरीदी थी।



बताया गया कि विभाग को यह पैसा शासन से मिलता और फिर शिक्षकों को इसका भुगतान होता। शिक्षकों ने परीक्षा तो उत्तर पुस्तिका खरीदकर करा दी, लेकिन अभी तक अध्यापकों को उनका पैसा नहीं मिला। परीक्षाएं कराने के लिए विभाग ने शासन से 40 लाख रुपये के बजट की डिमांड की है। शिक्षकों को जल्द बजट दिलाने का वादा करते हुए विभाग ने भी परीक्षाओं को संपन्न करा लिया, मगर अभी तक शिक्षकों को एक भी रुपया नहीं मिला है। शिक्षक बेसब्री से पैसे का इंतजार कर रहे हैं।

पांच लाख से अधिक खर्च हुए

परिषदीय स्कूलों में वार्षिक परीक्षा कराने के लिए शिक्षकों के पांच लाख से अधिक खर्च हो गए हैं। जिले में 2,399 परिषदीय स्कूल हैं और इनमें 2.80 लाख से अधिक छात्र हैं। छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों ने उत्तर पुस्तिका खरीदी हैं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र यादव का कहना है कि सरकार जल्द शिक्षकों का भुगतान करे, शिक्षक काफी परेशानी हैं। सरकार को इसके लिए पहले ही बजट जारी कर देना चाहिए था। जल्द से जल्द शिक्षकों का भुगतान किया जाए।


वार्षिक परीक्षा कराने के लिए शिक्षकों ने स्वयं उत्तर पुस्तिका खरीदी थीं। शिक्षकों का भुगतान किया जाएगा, इसके लिए शासन को लिखा गया है। बजट की डिमांड कर दी गई है। शिक्षक परेशान न हों जल्द बजट आ जाएगा सबसे पहले उनका भुगतान होगा। शासन को अवगत करा दिया गया है।

-अखंड प्रताप सिंह, बीएसए