यह स्थिति तब है जबकि जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी प्रबंधकों से रिक्त पदों के सापेक्ष नियुक्ति का प्रस्ताव उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दो महीने पहले ही मांगा था।
ऐसी ही स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों में भी बनी हुई है। पहले प्रबंध समिति रिक्त पद भरने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षकों के जरिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक से अनुमति लेते थे। उसके बाद विज्ञापन देते हुए चयन प्रक्रिया पूरी होती थी। इसमें लाखों रुपये लेनदेन के आरोप लगते थे। इसके चलते सरकार ने 25 नवंबर 2021 को इंटरमीडिएट एक्ट 1921 में संशोधन करते हुए चयन प्रक्रिया का नये सिरे से निर्धारण कर दिया। नई नियमावली के अनुसार संबंधित विद्यालय के प्रबंधक की अध्यक्षता में चयन समिति गठित करने का प्रावधान है। जिसमें जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा नामित सह जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य सचिव, जिला सेवायोजन अधिकारी, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य और डीएम से नामित एक अधिकारी सदस्य होंगे। इसमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रारंभिक अर्हता परीक्षा में 50 एवं अधिक पर्सेंटाइल प्राप्त करने वाले 18 से 40 आयु के अभ्यर्थियों से ही आवेदन लिया जाएगा। एक पद के सापेक्ष पीईटी मेरिट के आधार पर दस अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा। नई चयन प्रक्रिया में प्रबंधकों की मनमानी की गुंजाइश न होने के कारण कोई पहल नहीं कर रहा।
रिक्ति पर एक नजर
● 57 पद लिपिक के इंटर बालक विद्यालयों में
● 19 पद लिपिक के बालक हाईस्कूलों में
● (बालिका विद्यालयों की संख्या जोड़ने पर और रिक्ति हो जाएगी।)
● एडेड कॉलेजों में बाबुओं की भर्ती के लिए बना नियम
● पीईटी में सफल अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति करने का आदेश
● डीआईओएस ने प्रबंधकों से मांगा है नियुक्ति का प्रस्ताव
● जिले के 181 कॉलेजों में बाबुओं के 80 से अधिक पद खाली
● पद रिक्त होने के बावजूद प्रबंधक भर्ती में नहीं ले रहे रुचि
लिपिकों के रिक्त पदों को भरने के लिए प्रबंधकों से प्रस्ताव मांगा गया था लेकिन किसी ने प्रस्ताव नहीं दिया है। चयन के लिए फिर से प्रस्ताव मांगने जा रहे हैं। आरएन विश्वकर्मा, डीआईओएस