जर्जर स्कूलों की दशा सुधारने के लिए जनप्रतिनिधि निधि से देंगे धन

बरेली। जिले के जर्जर स्कूलों की दशा सुधारकर बच्चों को शिक्षा का बेहतर माहौल देने के लिए जनप्रतिनिधि अपनी निधि से धन देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने जिला प्रशासन और सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ जल्द बैठक कर स्कूल भवनों को दुरुस्त कराने की बात कही है। साथ ही, कायाकल्प से छूटे स्कूलों के जीर्णोद्धार के लिए शासन तक सार्थक पैरवी करने को कहा है।






जर्जर इमारतों में पढ़ाने के बजाय अभिभावक बच्चों के नाम कटवा रहे हैं। हालांकि, विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 3.93 लाख बच्चे स्कूलों में पंजीकृत हैं। यह संख्या पिछले साल की तुलना में 16 हजार अधिक हैं। हालांकि, स्कूलों में औसतन 45 फीसदी बच्चे ही पढ़ाई के लिए पहुंच रहे हैं। कक्षाओं में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए शिक्षकों को निर्देश जारी हुए हैं, लेकिन शिक्षक संगठन इस पर आपत्ति जता रहे हैं।

प्रदेश सरकार को जल्द भेजा जाएगा प्रस्ताव

पूर्व केंद्रीय मंत्री, सांसद संतोष गंगवार का कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए संकल्पबद्ध है। कायाकल्प योजना के तहत बड़ी तादाद में स्कू लों के जर्जर भवनों की दशा बदल चुकी है। अब ये कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं। स्कूलों में बच्चों की तादाद भी बढ़ी है। अगर कहीं, किसी वजह से स्कूल के भवन की मरम्मत या कायाकल्प नहीं हो सका है, तो अधिकारियों से जानकारी लेकर शासन को लिखा जाएगा। जरूरत पड़ी तो सांसद निधि से निर्माण कराया जाएगा।

शासन से बजट मंजूर न हुआ तो देंगे विधायक निधि से धन

कैंट विधायक संजीव अग्रवाल का कहना है कि कायाकल्प योजना के तहत कैंट विधानसभा क्षेत्र के कई स्कूलों का जीर्णोद्धार हुआ है। किन्हीं वजहों से जो स्कूल छूट गए हैं, उन्हें भी योजना से आच्छादित कराने के लिए जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के साथ ही विभागीय अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। अगर बजट का अभाव होगा तो शासन से दिलाने का प्रयास करेंगे। किन्हीं वजहों से अगर शासन से प्रस्ताव मंजूर नहीं हुआ तो अपनी विधायक निधि से स्कूलों की दशा सुधारने का प्रयास करेंगे।



बच्चों की शिक्षा में आड़े नहीं आने दी जाएगी धन की कमी


 
प्रदेश के वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि बच्चों के शिक्षा के संसाधन जुटाने में धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। भवनों की मरम्मत के लिए सरकार से धन दिलाया जाएगा। जरूरत पड़ी तो वह अपनी विधायक निधि से भी धन देने के लिए तैयार हैं। स्कूलों में शिक्षा का बेहतर माहौल हो, इसके लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा।