लापरवाही की गर्मी से मुरझा रहे आंगनबाड़ी केंद्र के फूल'


प्रयागराज, यह भी खूब रही। एक तरफ तो स्कूलों में गर्मी की छुट्टी हो गई है वहीं दूसरी ओर आंगनबाड़ी केंद्र खुले हुए है। भीषण गर्मी से नौनिहाल बेहाल हैं लेकिन जिम्मेदार आंख बंद किए बैठे हैं। समस्या को लेकर महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने सोमवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए कार्यकर्ताओं ने आंगनबाड़ी केंद्रों में भी ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित करने की मांग की। धूप में बच्चों के घर जाने के दौरान तबीयत बिगड़ने व केंद्रों पर बिजली, पंखा जैसी मूलभूत सुविधा न होने की समस्या से अवगत कराया।



महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिला अध्यक्ष उर्मिला देवी ने बताया कि भीषण गर्मी व लू के बीच आंगनबाड़ी केंद्र चलाना मुश्किल हो गया है। आंगनबाड़ी केंद्र सुबह आठ से 12 बजे तक चलाए जा रहे हैं। इनमें पढ़ने वाले बच्चों की उम्र तीन वर्ष से छह वर्ष होती है, इतने छोटे बच्चों को प्रतिदिन धूप में भेजने पर उनकी तबीयत भी बिगड़ रही है, ऐसे में अगर कोई अनहोनी होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकारी संरक्षण आयोग के पत्र का हवाला देते हुए जिलाधिकारी से मांग की कि आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राथमिक विद्यालयों की तरह अवकाश दिया जाए। ज्ञापन देने वालों में अर्चना कुमारी, आभा रानी, कामिनी, रेनू अग्रवाल, शैलजा शुक्ला, शिल्पी मिश्रा, संगीता, चंद्रप्रभा मालवीया आदि मौजूद रही।