मुश्किल से खिला रहे मध्याह्न भोजन, कैसे देंगे हलुआ-खीर


 

बहराइच बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित प्राथमिक विद्यालय में मिड-डे मील योजना के तहत बनने वाले भोजन पर ही संकट के बादल मंडरा रहे हैं। बीते दो वर्षो से अधिक समय से कन्वर्जन कास्ट की दरों में वृद्धि नहीं की गई है जबकि बीते दो वर्षो में खाद्य सामग्री के भाव चढ़कर आसमान छू रहे हैं।






अब शासन की ओर से अमृत महोत्सव के तहत आगामी 11 से 17 अगस्त तक प्राथमिक विद्यालयों में मिड-डे मील के साथ ही छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन खीर, हलुआ, लड्डू, बूंदी व फल समेत अन्य खाद्य पदार्थ देने के आदेश जारी किए गए हैं। इस मद में उन्हें कोई धनराशि आवंटित करने की घोषणा नहीं की गई है। ऐसे में शिक्षकों के लिए यह आदेश सिरदर्द साबित हो रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जिले में 2803 विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इनमें 1819 प्राथमिक विद्यालय, 369 जूनियर विद्यालय 615 संविलियन विद्यालय शामिल हैं। वर्तमान समय में इन विद्यालयों की छात्र संख्या लगभग पाच लाख 95 हजार है। सभी विद्यालयों में मिड-डे मील योजना के तहत बनने वाले भोजन के लिए बीते दो वर्षों से कन्वर्जन कास्ट की दरों में कोई वृद्धि नहीं की गई है जबकि बीते दो वर्षों में गैस सिलेंडर, दाल, तेल, दूध, फल, सब्जी व तेल समेत अन्य वस्तुओं के मूल्यों में भारी वृद्धि हुई है। ऐसे में मिड-डे मील योजना पहले से ही बेपटरी हो चुकी है। अधिकांश विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन योजना के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। शिक्षक कहीं दुकान से उधार सामान खरीद रहे हैं तो कहीं आपस में चंदा कर बच्चों का पेट भर रहे हैं।



दूसरी तरफ निदेशक विजय किरन आनंद की ओर से जारी पत्र के अनुसार, अमृत महोत्सव के तहत 11 से 17 अगस्त तक आयोजित होने वाले हर घर तिरंगा कार्यक्रम में परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को सम्मिलित करते हुए उन्हें मिड-डे मील में विशेष भोज के रूप में खीर, हलुआ लड़ बूंदी व फल समेत अन्य खाद्य पदार्थ प्रदान करने के आदेश दिए गए हैं जबकि इस मद में विद्यालयों को कोई धनराशि आवंटित नहीं की जानी है।