मिड डे मील : चावल से पेट भर रहे बच्चे हफ्तों से नहीं पैसा, उधारी पर व्यवस्था

शाहजहांपुर। बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित स्कूलों में बच्चों को दोपहर में मिलने वाले भोजन का खाद्यान्न खत्म हो गया है। ऐसे में शिक्षक उधार की व्यवस्था से बच्चों की एमडीएम खिला रहे हैं नगर समेत कई ब्लॉकों में तमाम स्कूलों में खाद्यान्न खत्म होने के चलते एमडीएम बनना ही बंद हो गया। इसके अलावा तमाम शिक्षकों ने अपने स्तर से खाद्यान्न की व्यवस्था कर बच्चों के लिए मिड-डे-मील बनवा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही खाद्यान्न स्कूलों तक पहुंच जाएगा और पहले की तरह खाना बनवाया जाएगा।






जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के 2720 व 36 सहायता प्राप्त व पांच मदरसों में मिड-डे-मील बनता है। एमडीएम के लिए प्रत्येक स्कूल और मदरसों को खाद्यान्न का आवंटन किया जाता है इसके बाद नामांकित चार लाख नौ हजार बच्चों में हर दिन उपस्थित होने वाले 60 से 62 प्रतिशत बच्चे खाना खाते हैं। पिछला आवंटित खाद्यान्न करीब एक महीने से खत्म हो गया है। ऐसी स्थिति में एमडीएम की व्यवस्था लड़खड़ा गई है।



गेहूं का स्टाक खत्म होने के बाद अधिकतर विद्यालयों में बच्चों का पेट चावल से भरा जा रहा। तमाम बेसिक स्कूलों व सहायता प्राप्त शिक्षकों ने जैसे तैसे व्यवस्था कर छात्र छात्राओं के लिए खाने की व्यवस्था करा दी है। वहीं कई विद्यालयों में खाद्यान्न का आवंटन न होने पर शिक्षको ने एमडीएम बनवाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। खाद्यान्न आवंटन को लेकर शिक्षकों ने बीएसए से पत्राचार किया है। लेकिन, अभी तक व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी है।