नई दिल्ली। पैसे की कमी के कारण अब सामाजिक रूप से पिछड़ी और दिव्यांग छात्राओं की पढ़ाई बीच में नहीं छूटेगी। उच्च शिक्षण संस्थानों को ऐसी छात्राओं की पहचान करके उन्हें स्कॉलरशिप और आर्थिक रूप से मदद करके शिक्षा से जोड़ना होगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में महिला सुरक्षा को देखते हुए विशेष गाइडलाइन तैयार की गई है।
(आईसीसी) गठित करनी अनिवार्य है। गर्ल्स हॉस्टल में अब पौष्टिक खाना देना होगा। इस खाने की खाद्य सुरक्षा अधिकारी समय-समय पर औचक्क जांच भी किया करेंगे। खास बात यह है कि पुरुष शिक्षकों और कर्मियों के अलावा स्नातक प्रोग्राम के पहले वर्ष के छात्रों को महिलाओं की इज्जत, बात करने का तरीका भी सिखाया जाएगा।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन की महिला सुरक्षा को लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों को बेसिक फैसिल्टी एंड एमेनिटीज फॉर सेफ सिक्युर इंवायरमेंट फॉर वूमन, वूमन सेल (फॉर सेंस्टाइजेशन, पॉलिसी, इंप्लीमेंटेशन, मॉनेटरिंग एंड ग्रिवांस रिड्रेस्ल) इन हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशनल नामक गाइडलाइन जारी की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और महिला सुरक्षा नियमों के तहत उच्चस्तरीय कमेटी की गाइडलाइन तैयार की हैं।