भर्ती पर जोर, अर्हता पर गंभीर नहीं हैं अफसर, अर्हता तय न होने के कारण फंसी यह शिक्षक भर्ती


एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन पर जोर दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग के अधिकारी अर्हता को लेकर गंभीर नहीं हैं। इसी का नतीजा है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रवक्ता और सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) के हजारों रिक्त पदों का अधियाचन मिलने के बावजूद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग भर्ती शुरू नहीं कर पा रहा है।

शासन के विशेष सचिव डॉ. रुपेश कुमार ने समकक्ष अर्हता का निर्धारण करने के लिए 22 नवंबर 2022 को हाई पावर अंतर विभागीय कमेटी गठित की थी। समिति से 15 दिन में अर्हता निर्धारित करते हुए रिपोर्ट देने को कहा गया था, लेकिन साढ़े चार महीने का समय बीतने के बावजूद अब तक हाई पावर कमेटी की एक भी बैठक नहीं हो सकी है। यह स्थिति तब है जबकि छात्र आए दिन लोक सेवा आयोग पर नई भर्ती शुरू करने के लिए प्रदर्शन करते रहते हैं। इससे पहले आयोग ने 2018 में एलटी ग्रेड के 10768 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। उसमें भी ढाई हजार से अधिक पद रिक्त रह गए थे। उसके बाद राजकीय विद्यालयों में एलटी ग्रेड भर्ती न आने से बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली हैं।

प्रवक्ता-एलटी के 10332 पद हैं खाली राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) के स्वीकृत 19300 पदों में से 6365 और प्रवक्ता के 9463 स्वीकृत पदों में से 3957 पद खाली हैं। शिक्षक नहीं होने के कारण इन स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ग्रामीण इलाके के तमाम स्कूलों में किसी अन्य विषय के शिक्षक कोई दूसरा विषय पढ़ा रहे हैं।