यूपी बोर्ड में क्लाउड कम्प्यूटिंग पढ़ाने को शिक्षक नहीं


यूपी बोर्ड ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप कक्षा नौ से 12 तक के कम्प्यूटर के पाठ्यक्रम को संशोधित करते हुए क्लाउट कम्प्यूटिंग, क्रिप्टो करंसी और ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसे टॉपिक को तो शामिल कर लिया है लेकिन इन्हें पढ़ाने के लिए स्कूलों में शिक्षक ही नहीं है। यूपी बोर्ड ने 1998 में हाईस्कूल और 2000 में इंटर में कम्प्यूटर का कोर्स लागू किया था लेकिन राजकीय व सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में दो दशक बाद भी नियमित कम्प्यूटर शिक्षक नहीं मिल सके हैं। प्रदेश के 2355 राजकीय हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में ही कम्प्यूटर शिक्षक नहीं हैं।


सरकार ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली को संशोधित करते हुए 2016 में पहली बार कम्प्यूटर शिक्षकों की भर्ती का प्रावधान किया था। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 2018 में कम्प्यूटर विषय के 1673 एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इन 1673 पदों में से 898 पुरुष व 775 महिला शाखा के थे। आयोग की ओर से 23 अक्टूबर 2019 को जारी परिणाम में पुरुष वर्ग में 30 व महिला वर्ग में छह अभ्यर्थी सफल थीं।

उसके बाद से राजकीय विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षकों की भर्ती नहीं आई और किसी प्रकार दूसरे विषय के शिक्षकों से कामचलाऊ तरीके से इसकी पढ़ाई कराई जा रही है। इसी प्रकार प्रदेश के 4509 सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में भी कम्प्यूटर शिक्षकों की कमी बनी हुई है। शिक्षा निदेशालय ने पिछले साल शासन को पद सृजन का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अब तक मंजूरी नहीं मिली।