मुरादाबाद : वेतन के बजाय ऊपरी कमाई से घर का खर्च चलाने वालों की अब खैर नहीं हैं। आयकर विभाग ने वेतन खातों की निगरानी शुरू कर दी है। प्रत्येक माह वेतन का 50 प्रतिशत से कम खर्च करने वालों को आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है।
आयकर विभाग टैक्स नहीं देने वाले व टैक्स की चोरी करने वालों की पहचान के लिए डिजिटल इंडिया का सहारा लिया है। आयकर की चोरी करने या टैक्स नहीं देने वालों की संख्या काफी कम आई है। आयकर विभाग ने अब भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों की भी निगरानी शुरू कर दिया है। सरकारी और प्राइवेट कंपनी के कर्मियों को वेतन बैंक के माध्यम से मिलता है। भ्रष्ट अधिकारी या कर्मचारी काम करने के बदले वेतन से इतर ऊपरी कमाई करते हैं। ये पैसे से को जमा करने के बजाय घर आदि के खर्च चलाते हैं और बड़े-बड़े शौक को पूरा करते हैं.
आयकर विभाग के अनुसार किसी अधिकारी या कर्मचारी ने किसी प्रकार का ऋण नहीं लिया है प्रत्येक माह वेतन का न्यूनतम 50 प्रतिशत खर्च होना चाहिए। अगर उसके दो बच्चे पढ़ने वाले हैं और लोन लिया है। तो वेतन की 90 प्रतिशत राशि प्रत्येक माह खर्च होगी। आयकर विभाग वेतन खातों की आनलाइन निगरानी कर रहा है। जिनके वेतन खाते से प्रत्येक माह खर्च के लिए रुपये नहीं निकाले जाते हैं, उसकी सूची तैयार की की जा रही है।
रिटर्न भरने के बाद नोटिस जारी होंगे। इसमें वेतन के खाते से रुपये नहीं निकालने पर घर खर्च के लिए रुपये की व्यवस्था करने की जानकारी देनी होगी। नोटिस का सही जवाब नहीं मिलने पर आयकर विभाग संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेगा। कर अधिवक्ता
रिटर्न भरने के बाद नोटिस जारी होंगे। इसमें वेतन के खाते से रुपये नहीं निकालने पर घर खर्च के लिए रुपये की व्यवस्था करने की जानकारी देनी होगी। नोटिस का सही जवाब नहीं मिलने पर आयकर विभाग संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेगा। कर अधिवक्ता
अंकित गुप्ता ने बताया कि भ्रष्ट आधकारिया व कमचारियों के वेतन खाते की निगरानी शुरु कर दी है।