21 November 2023

पर्सनल, क्रेडिट कार्ड लोन महंगा करने की तैयारी, नियम सख्त होने के बाद बैंक नई दरों पर जल्द फैसला लेंगे

 

आरबीआई द्वारा पर्सनल लोन के नियम सख्त करने के बाद सभी बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की तैयारी कर ली है। बैंकों का कहना है कि नए नियमों से उपभोक्ता कर्ज की मांग प्रभावित होगी। बैंक प्रधिनिधियों की बैठक में व्यक्तिगत कर्ज की दरें बढ़ाने पर एक-दो दिन में फैसला लिया जा सकता है।


आरबीआई ने असुरक्षित कर्ज के जोखिम भार में 25 फीसदी का इजाफा किया है। इस कदम से उपभोक्ता कर्ज के मामले में जोखिम भार 125 प्रतिशत हो गया है। इसका मतलब यह है कि जहां पहले बैंकों को हर 100 रुपये के कर्ज के लिए नौ रुपये की पूंजी बनाए रखने की जरूरत होती थी, वहीं अब उन्हें 11.25 रुपये रखने होंगे। वहीं, बैंकों के लिए क्रेडिट कार्ड के कर्ज पर 150 प्रतिशत का जोखिम भार लगेगा, जबकि एनबीएफसी द्वारा प्राप्तियों पर 125 प्रतिशत का जोखिम भार लगेगा, जो पहले 100 प्रतिशत था।


ग्राहकों पर ऐसे असर


जोखिम भार बढ़ने का सीधा मतलब है कि व्यक्तिगत कर्ज देते समय बैंकों को बफर के रूप में अधिक पैसा अलग रखना पड़ेगा है। इससे बैंकों की कर्ज देने की क्षमता सीमित होगी। कर्ज की मांग बढ़ने पर ब्याज दरें ऊंची रहेंगी। मौजूदा बैंकिंग व्यवस्था में 83 फीसदी पर्सनल लोन बैंकों के मौजूदा ग्राहकों को दिए जाते हैं।


क्या कहते हैं बैंक


एसबीआई के अर्थशास्त्रित्त्यों ने कहा, बढ़े हुए जोखिम भार का तत्काल प्रभाव यह होगा कि बैंकों को अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होगी। हमारा अनुमान है कि बैंक उद्योग को इससे 84,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होगी। वहीं, एसएंडपी ग्लोबल का कहना है कि रिजर्व बैंक के फैसले से बैंकों की पूंजी पर्याप्तता में 0.6 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है।


रिजर्व बैंक ने उचित निर्णय लिया मूडीज


मूडीज ने सोमवार को कहा कि व्यक्तिगत ऋण के लिए नियमों को कड़ा करने का आरबीआई का निर्णय सही है। पिछले कुछ वर्षों में असुरक्षित ऋण तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे वित्त संस्थानों को अचानक आर्थिक या ब्याज दर के झटके की स्थिति में ऋण लागत में संभावित वृद्धि करनी पड़ती है। दो वर्षों में व्यक्तिगत ऋण में 24 और क्रेडिट कार्ड ऋण में औसतन 28 की वृद्धि हुई है।