देवरिया, गौरीबाजार में एक महिला शिक्षक ने फांसी लगाकर जान दे दी। खुदकुशी की वजह पति से मनमुटाव बताई जा रही है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना के बाद घर वालों में चीख पुकार मच गई।
गौरीबाजार थाना के गुरडी गांव निवासी सुजीत कुमार की पत्नी प्रज्ञा मल्ल (35) परिषदीय स्कूल में शिक्षक थीं। उनकी तैनाती नरायनपुर गांव के परिषदीय स्कूल में थी। गौरीबाजार कस्बा में दोनों किराए के मकान पर रहते थे। दिवाली पर पति-पत्नी गांव आए थे। किसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच कहासुनी हो गई।नाराज पत्नी गौरीबाजार पहुंच गई। कुछ देर बाद पति पहुंचा तो कमरे में शिक्षिका का शव छत की कुंडी से दुपट्टे के फंदे से लटक रहा था। पति के शोर मचाने पर आसपास के लोग पहुंचे और शिक्षिका को नीचे उतार कर सीएचसी ले गए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
अस्पताल पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में ले लिया। गौरीबाजार इंस्पेक्टर दिनेश मिश्र ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। परिवार से किसी बात को लेकर मनमुटाव हुआ था। तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षिका के आत्मघाती कदम पर उठे सवाल
एक पढ़े-लिखे सभ्य समाज में आत्महत्या जैसा कदम स्वीकार्य नहीं। आखिर ऐसी स्थिति- परिस्थिति क्यों बन रही। गौरी बाजार के प्राथमिक विद्यालय नरायनपुर तिवारी में सात वर्ष से तैनात शिक्षिका द्वारा उठाए गए आत्मघाती कदम ने कई ऐसे सवालों को जन्म दिया है। घरेलू विवाद, दरकते पारिवारिक रिश्ते, मानसिक स्तर, आवेश, स्थिति-परिस्थिति आखिर कौन जिम्मेदार है।मृतक सहायक शिक्षिका प्रज्ञा मल्ल का घर गुड़री उनके विद्यालय से महज सात किलोमीटर दूर है। फिर भी घटना से पंद्रह दिन पूर्व गौरी बाजार में किराए के मकान में पति व दो बच्चों पुत्री जागृति 12 वर्ष तथा आठ वर्षीय बच्चे के साथ वे रहने लगीं। विद्यालय यहीं से उनका आना-जाना शुरू हुआ।
पति सुजीत मल्ल ट्रक ड्राइवर है। सूत्रों की माने तो पति-पत्नी में किसी बात को लेकर कुछ दिनों से अनबन चल रही थी। सोमवार को पति-पत्नी में किसी बात को लेकर तकरार भी हुई। सुजीत अपने पुत्र को लेकर घर से बाहर चले गए। कुछ देर बाद लौटे तो पत्नी को कमरे में फंदे से लटके पाया। इस घटना के बाद बच्चों के सिर से जहां असमय मां का साया उठ गया। वहीं पुत्र का रो-रो कर बुरा हाल है।