समय से पहले पीपीएफ खाता बंद करने पर जुर्माने में राहत मिलेगी, क्या हैं मौजूदा प्रावधान

इन परिस्थितियों में खाता बंद करने की छूट

● खाताधारक या परिवारिक सदस्य की गंभीर बीमारी के इलाज के लिए


● देश या विदेश में अपने या बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए पैसों की जरूरत के समय



नई दिल्ली, । सरकार ने पीपीएफ खाते को परिपक्वता अवधि से पहले बंद करने के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। नए नियमों में विस्तारित अवधि वाले पीपीएफ खातों को समय से पहले बंद करने पर लगने वाले जुर्माने में बड़ी राहत दी गई है। यह बदलाव नौ नवंबर 2023 से लागू हो गया है।


ब्याज में कटौती को लेकर था असमंजस पीपीएफ खाते को 15 साल से पहले बंद करने के मामले में जुर्माने के नियम स्पष्ट थे लेकिन खाते की अवधि आगे बढ़ाने पर इसके नियमों को लेकर निवेशकों में असमंजस बना हुआ था। पुराने नियमों (पीपीएफ 2019) के अनुसार, यदि कोई विस्तारित अवधि के दौरान खाते को बंद करता है तो जुर्माना तब से देय था, जब से खाते की अवधि बढ़ी है। यानी किसी निवेशक ने 15 साल के बाद पीपीएफ खाते को एक से अधिक बार 5-5 साल के लिए आगे बढ़ाया है तो जुर्माना तब से लगेगा, जब से पीपीएफ खाता पहली बार विस्तारित किया गया था।


ब्याज में इतनी कटौती


नियमों के मुताबिक, खाते को परिपक्वता अवधि से पहले बंद करने पर ब्याज में एक फीसदी की कटौती की जाती है, जो खाता खुलने की तारीख से लागू होती है। यदि कोई निवेशक वर्तमान योगदान पर 7.1 का ब्याज पा रहा था, लेकिन अगर वह समय से पहले खाता बंद करता है तो उसे 6.1 फीसदी ही ब्याज मिलेगा।


नए तरीके से होगी जुर्माने की गणना


नए नियमों में यह स्पष्ट किया गया है कि यदि निवेशक ने पांच-पांच साल के लिए तीन बार खाते की अवधि बढ़ाई है तो एक फीसदी जुर्माना तब से नहीं लगेगा जब पहली बार खाता विस्तारित हुआ है। बल्कि सिर्फ उसी पांच साल के लिए गणना होगी, जिसमें समय से पहले खाता बंद करने के लिए आवेदन दिया गया है।


पीपीएफ खाते ही परिपक्वता अवधि 15 वर्ष की होती है। इसे पांच-पांच साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। जिस वित्त वर्ष में खाता खोला जाता है, उसके अगले पांच साल तक खाते को बंद नहीं किया जा सकता है। इसके बाद ही विशेष परिस्थितियों में परिपक्वता अवधि से पहले खाते को बंद किया जा सकता है लेकिन इसके लिए ब्याज में कटौती के तौर पर जुर्माना लगाया जाता है।