टेबलेट का विरोध कितना जायज? कितना लाभदायक, कितना हानिकारक? ✍🏻

 

टेबलेट का विरोध कितना जायज? कितना लाभदायक, कितना हानिकारक?

✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻आशीष शर्मा

 पिछले महीने बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा लगभग हर स्कूल में पूरे प्रदेश में टेबलेट उपलब्ध करा दिए गए। हमारे शिक्षक साथियों द्वारा हंसते मुस्कुराते हुए विधायक जी एवं सांसद जी से टेबलेट ग्रहण किए गए। यहां तक कि उसकी फोटो भी सोशल मीडिया पर साझा की गईं। टेबलेट प्रक्रिया कोई आज की नहीं चल रही थी वरन महीनो से गतिमान थी, समय समय पर अखबार में भी आ रहा था कि बहुत जल्द बेसिक को टेबलेट मिलने वाले हैं। लेकिन हमारे शिक्षक नेताओं और शिक्षकों द्वारा कोई विरोध दर्ज नहीं किया गया। और न ही इसके विरोध में कोई ज्ञापन दिया गया। शायद सरकार को लगा कि बेसिक शिक्षकों को टेबलेट लेने में कोई दिक्कत नहीं है।


 अब जब टेबलेट प्राप्त हो गए, हम फूले नहीं समा रहे थे। लेकिन जैसे ही रियल टाइम हाजिरी का आदेश महानिदेशक महोदय द्वारा निकाला गया, विरोध शुरू हो गया। इसका सीधा सा मतलब सरकार और समाज द्वारा यह निकाला जा रहा कि बेसिक का शिक्षक समय पर ड्यूटी नही करता है और न ही करना चाहता है। हमारी और हमारे विभाग की छवि ही धूमिल हो रही है। समाज खुश है कि मास्टरसाहब की तो लग गई। और हम और हमारे शिक्षक संगठन जो टेबलेट लागू न करने की मांग कर रहे हैं उससे समाज और शासन में हमारे प्रति एक और नकारात्मक संदेश जा रहा है।

  मुझे याद है कि कुछ प्राइवेट संस्थाओं में भी आइरिस द्वारा सेल्फी से ऑटोमेटिक हाजिरी होती है। एक कंपनी का उदाहरण देता हूं जिसमे 2 घंटे तक की छूट दी गई है। जिसका मतलब है कि अगर आज हम 10 मिनट लेट हुए तो कंप्यूटर उसे सेव कर लेगा। और जैसे ही आपके कुल 120 मिनट यानी 2 घंटे पूरे होंगे आपकी एक सी एल ऑटोमेटिक डेड्क्ट हो जायेगी। इसके अलावा हाफ सी एल की भी व्यवस्था रहती है। इन सुधारों के साथ टेबलेट लागू होने पर, हमारे जिन साथियों का 1 मिनट से 5 मिनट लेट होने पर जो वेतन काट दिया जाता है वह भी शोषण बंद होता।

 मेरे हिसाब से हमे इन सुधारों के लिए ज्ञापन देना चाहिए था। और अपनी मांग मनवानी ही थी। इससे न तो हमारी छवि खराब होती और न विभाग की। और सरकार भी इस मांग को मान सकती थी। लेकिन जब सरकार ने इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट कर दिया है तो टेबलेट वापसी की उम्मीद करना तो बेकार है। टेबलेट सुधारों के साथ लागू होता तो यह हमारे लिए वरदान ही बनता। इसलिए टेबलेट के विरोध की भेड़चाल के बजाय सुधारों और अपनी शर्तों के साथ लागू करने की मांग होनी चाहिए।